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    पाकिस्तान में स्थित करतारपुर साहिब गुरुद्वारा

    पाकिस्तान ने भारतीय श्रद्धालुओं के लिए नानक साहिब गुरुद्वारे किए दर्शन करने के लिए बॉर्डर खोलने का ऐलान किया था। साथ ही करतारपुर गलियारे के निर्माण की भी घोषणा की थी। डॉन वेबसाइट के मुताबिक पाकिस्तान ने अब करतारपुर सीमा पर आप्रवासी शिविर खोलने का ऐलान किया है।

    करतारपुर गलियारे का निर्माण अंतर्राष्ट्रीय गलियारे से गुरुद्वारा दरबार साहिब तक होगा। सिख धर्म के संस्थापक गुरुनानक ने करतारपुर साहिब गुरूद्वारे में अपने जीवन के अंतिम 18 वर्ष व्यतीत किये थे। डेरा बाबा नानक साहिब से इस यात्रा को वीजा मुक्त शुरू किया जायेगा। करतारपुर गलियारे का निर्माण कार्य छह में समाप्त हो जायेगा।

    पाकिस्तान ने गुरु नानक की 549 वीं सालगिरह पर 3800 सिख श्रद्धालुओं के वीजा जारी किये हैं। नई दिल्ली में स्थित पाकिस्तान दूतावास ने कहा कि पाकिस्तान ने 21-30 नवम्बर 2018 तक आयोजित गुरु नानक की 549 वीं सालगिरह के जश्न में सम्मिलित होने के लिए 3800 सिख श्रद्धालुओं को वीजा दिया है।

    फ़ेडरल इन्वेस्टीगेशन एजेंसी के उपनिदेशक ने कहा कि सीमा पर आसानी से आवाजाही के कारण आतंकवादियों, मानव तस्करों और ड्रग माफियाओं के लिए बॉर्डर पार करना आसान हो जायेगा। उन्होंने कहा कि दोनों तरफ की सीमाओं को नियंत्रण करने के लिए मज़बूत तंत्र की आवश्यकता होगी।

    उन्होंने कहा कि एफआईए नारोवल (लाहौर से लगभग 120 किलोमीटर दूर) जिले में आप्रवासी दफ्तर की स्थापना कर रहा है। उन्होंने कहा कि एफआईए के अधिकारी बोर्डिंग अधिकारियों के रूप में कार्य करेंगे और सिख श्रद्धालुओ के दस्तावेज और बायोमेट्रिक तकनीक से उनकी शिनाख्त करेंगे।

    उन्होंने कहा कि जिन सिख श्राद्धलुओ के समक्ष वीजा होगा, उन्हें ही देश में प्रवेश करने दिया जाएगा, अन्यथा अनुमति वाले श्रद्धालुओं को केवल गुरुद्वारे तक ही जाने दिया जायेगा। 26 नवम्बर को भारत में करतारपुर गलियारे के निर्माण का शिलान्यास समारोह का उद्घाटन हुआ था जबकि पाकिस्तान में यह समारोह 28 नवम्बर को आयोजित किया गया था।

    इमरान खान ने कहा कि गलतियाँ दोनों तरफ से हुई है, लेकिन हमें अतीत में नहीं जीना चाहिए। उन्होंने कहा कि अगर हम अतीत के साथ अपना नाता नहीं तोड़ेंगे तो हम इसी स्थिति में बुरी तरह फंसे रहेंगे। इस समारोह में केंद्रीय मंत्री हरसिमरत कौर बादल, हरदीप सिंह पूरी और पंजाब के मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू उपस्थित थे। हालांकि किसी भी भारतीय नेता ने इस समारोह में आतंकवाद के खिलाफ एक शब्द नहीं कहा था।

    इमरान खान ने कहा कि दोनों देश परमाणु हथियार से लैस हैं, ऐसे देशों के मध्य के बाबत सोचना एक बेवकूफी होगी। उन्होंने कहा कि कोई बेवकूफ ही सोच सकता है कि इस परमाणु जंग में किसी एक की जीत हो सकती है। भारत के विदेश मंत्रालय ने इमरान खान के बयान पर पलटवार करते हुए कहा कि पाकिस्तानी पीएम ने इस पवित्र समारोह को राजनीति का अखाडा बना दिया था।

    By कविता

    कविता ने राजनीति विज्ञान में स्नातक और पत्रकारिता में डिप्लोमा किया है। वर्तमान में कविता द इंडियन वायर के लिए विदेशी मुद्दों से सम्बंधित लेख लिखती हैं।

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