रोहिंग्या मुस्लिमों ने आज सुप्रीम कोर्ट ने अपील की है कि उन्हें भारत में रहने दिया जाए। उन्होंने कहा कि वे केवल साधारण लोग हैं और आतंकवादी नहीं है।
पिछले सप्ताह केंद्र सरकार ने फैसला किया था कि आंतरिक सुरक्षा को मद्देनज़र रखते हुए रोहिंग्या मुस्लिमों को देश से निकलना चाहिए। इसपर अब लोगों ने कहा है कि वे सिर्फ गरीब मुसलमान हैं। उनका आतंकवादियों से कोई भी संपर्क नहीं है।
सुप्रीम कोर्ट में दाखिल अपील में कहा कि केंद्र सरकार उनसे समानता का अधिकार छीन रही है। इस समय भारत में करीबन 15000 रोहिंग्या मुस्लिम वैध रूप से रह रहे हैं। इसके अलावा करीबन 40000 अवैध रूप से शरणार्थी के रूप में रह रहे हैं।
सुप्रीम कोर्ट में अर्जी में कहा गया कि हम गरीब मुसलमान हैं। हमारा आतंकवादियों से कोई भी नाता नहीं है। उन्होंने कहा कि वे लोग कई वर्षों से कश्मीर में रह रहे हैं और उनपर किसी प्रकार का कोई आरोप नहीं लगा है।
इसके अलावा कहा गया कि जहाँ ये लोग रह रहे हैं वहां पुलिस समय समय पर जांच करती है। सभी रोहिंग्या मुस्लिमों के परिवारों ने अपनी पूरी जानकारी पुलिस को दे रखी है।
केंद्रीय गृह राज्यमंत्री किरण रिजिजू ने इससे पहले यह फैसला किया था कि रोहिंग्या मुस्लिमों को देश से वापस भेजा जाए। रिजिजू के मुताबिक देश की सुरक्षा से किसी भी प्रकार का समझौता नहीं किया जा सकता है।
रोहिंग्या मुस्लिमों की तरफ से इस मामले में केस प्रसिद्ध वकील प्रशांत भूषण लड़ेंगे। अदालत अगले सप्ताह इसपर सुनवाई करेगी।