बांग्लादेश की पूर्व प्रधनामंत्री खालिदा जिया भ्रष्टाचार के अपराध में जेल की सज़ा काट रही है। बांग्लादेश की एक अदालत ने मंगलवार को यदि कोई व्यक्ति दो वर्ष से अधिक जेल की कैद में व्यतीत करता है, तो वह किसी भी प्रकार के चनाव लड़ने के लिए अयोग्य हो जाता है।
अटॉर्नी जनरल ने कहा कि बांग्लादेश नेशनल पार्टी की अध्यक्ष खालिदा जिया भ्रष्टाचार के आरोप में जेल की सज़ा काट रही है, आगामी 11 वें चुनाव में भाग लेने के लिए अयोग्य है। उन्होंने प्रेस कांफ्रेंस में कहा कि खालिदा जिया चुनाव लड़ने के लिए अयोग्य हैं। अदालत ने कहा था कि यदि कोई व्यक्ति दो साल से ज्यादा जेल में रहता है, चाहे उसकी याचिकायों पर कार्रवाई बाकी हो। वह चुनाव प्रक्रिया में भाग लेने में असमर्थ होता है।
बांग्लादेश की पूर्व 73 वर्षीय प्रधानमन्त्री दो चैरिटी से सम्बंधित भ्रष्टाचार के मामलों में जेल की सज़ा काट रही है। ढाका की विशेष अदालत ने 8 फ़रवरी को खालिदा जिया को अनाथालय भ्रस्ताचार केस का दोषी ठहराया था और पांच वर्ष की करावासका दंड सुनाया था। उन्हें 21 मिलियन डॉलर विदेश अनुदान चैरिटी के नाम पर गबन करने के लिए सजा सुनाई गयी थी। 30 अक्टूबर को हाई कोर्ट ने उनकी सज़ा को दोगुनी कर दिया था।
29 अक्टूबर को अदालत में हुई सुनवाई में खालिदा जिया को जिया चैरिटेबल ट्रस्ट केस का दोषी पाया गया था और सात साल की सज़ा सुनाई गयी थी साथ ही एक मिलियन टका का जुर्माना भी लगाया था। साल 2014 में खालिदा जिया की पार्टी ने चुनाव का बहिष्कार किया था।
राज्य सलाहकार प्रमुख ने बताया कि खालिदा जिया को चीनी नामांकन पत्र भरने की आखिरी तारीख 28 नवम्बर को रिहा कर भी दिया जाता है, तो भी संविधान उन्हें चुनाव लड़ने की इजाजत नहीं देता है। उन्होंने कहा कि पूर्व प्रधानमन्त्री को चुनाव लड़ने के लिए पांच साल और इंतज़ार करना होगा, जब उनकी सुनवाई का निर्णय आ जायेगा।
बांग्लादेश संविधान के मुताबिक दो वर्ष जेल में व्यतीत करने वाले व्यक्ति को चुनाव लड़ने की अनुमति नहीं होती है, वह केवल रिहा होने के पांच साल बाद ही चुनाव में भाग ले सकता है। अटॉर्नी जनरल ने कहा कि कार्रवाई के बावजूद अगर अदालत जिया को चुनाव लड़ने की इजाजत देती है, तो बांग्लादेश के संविधान के आर्टिकल 66 के खिलाफ होगा। खालिदा जिया की पार्टी साल 1983 में उनके पति की मृत्यु के पूर्व बांग्लादेश की सबसे बड़ी पार्टी थी।
खालिदा जिया साल 1984 में बीएनपी की अध्यक्ष बनी और अभी तक उस पद पर आसीन हैं। 35 सालों के अपने राजनीतिक सफ़र में वह कई बार जेल जा चुकी है।