महाराष्ट्र में शिरडी के साईबाबा संसथान ट्रस्ट पर कुछ स्थानीय और मुस्लिम समुदाय के लोगों ने भगवाकरण का आरोप लगाया है। हालांकि साईंबाबा संसथान ट्रस्ट पर इस तरह के आरोप पहले भी लगते रहे हैं लेकिन हाल ही में साईं ध्वज स्तम्भ पर ‘ॐ’ का चिन्ह देखने के बाद इन आरोपों ने तेजी पकड़ ली।
कहा जा रहा है कि जबसे नए सदस्य और नए कमिटी ने प्रबंधन का पदभार संभाला है तब से पविर मंदिर, साइन बोर्ड के रंग सब कुछ बदल गए हैं।
शिरडी साईबाबा संसथान के मुख्य कार्यकारी अधिकारी को लिखी गई एक चिट्ठी में इन सभी आरोपों को सूचीबद्ध किया गया है।
शिकायत के अनुसार पवित्र मंदिर की संरचना और कामकाज में बहुत बदलाव आया है और ये एक विशेष धर्म का प्रतिनिधित्व करते हैं।
हालाँकि ये भी एक तथ्य है कि साईं बाबा मंदिर के सभी धार्मिक रीती रिवाज हिन्दू धर्म के अनुसार होते आये हैं।
शिरडी साईं बाबा समाधि पर्व के दौरान मंदिर को करीब 5.97 करोड़ रुपये का दान प्राप्त हुआ। ये उत्सव 17 अक्टूबर को शुरू हुआ और 1 9 अक्टूबर को समाप्त हुआ था। दान काउंटर पर 1.46 करोड़ रुपये कैश, 1.41 करोड़ रुपये ऑनलाइन, डेबिट कार्ड, चेक और डिमांड ड्राफ्ट के जरिये प्राप्त हुए। इसके अलावा श्रद्धालुओं ने 28.24 लाख रुपये के सोने और चांदी के आभूषण भी भेंट किये जबकि 24.55 लाख रुपये के विदेशी मुद्रा भी दान में आये।
दान के अलावा मंदिर ट्रस्ट ने 78 लाख रुपये की कमाई शुल्क आधारित दर्शन से कमाए और 28.51 लाख रुपये लड्डू वितरण से आये।
लगभग 3 लाख श्रद्धालु देश और दुनिया से इस तीन दिनों के उत्सव के दौरान साईं बाबा के दर्शन के लिए आये।