विषय-सूचि
इससे पहले हमनें जाना कि अपरिमेय संख्या क्या होती है?
परिमेय संख्या किसे कहते हैं? (define rational number in hindi)
परिमेय संख्याएं वे संख्या होती हैं जिन्हें हम p/q के रूप में लिख सकते हैं। या हम ऐसा कह सकते हैं की जो संख्याएं अंश एवं हर के रूप में लिखी जा सके वे सभी संख्याएं परिमेय संख्याएं कहलाती हैं। यहाँ अंश एवं हर दोनों संख्याएं पूर्णांक होती हैं एवं परिमेय संख्या का हर शून्य के बराबर नहीं हो सकता है।
परिमेय संख्या में p – अंश होता है एवं q – हर होता है।
परिमेय संख्या के उदाहरण (example of rational number in hindi)
-3/2, 2/3, 2/5, 5/7 आदि। जैसा कि हम देख सकते हैं इन सभी उदाहरणों में संख्याएं p/q के रूप में हैं एवं अंश एवं हर पूर्णांकों में से हैं अतः ये सभी उदाहरण परिमेय संख्याओं के अंतर्गत आयेंगे।
धनात्मक एवं ऋणात्मक परिमेय संख्याएं
धनात्मक परिमेय संख्याएं :
वे परिमेय संख्याएं जिनके अंश एवं हर दोनों में ही समान चिन्ह होते हैं। ऐसी संख्याएं धनात्मक परिमेय संख्याएं कहलाती हैं। जैसे: 2/3, 2/5, -5/-7 आदि सभी धनात्मक परिमेय संख्याएं हैं क्योंकि इन संख्याओं के अंश एवं हर में एक जैसे चिन्ह हैं।
ऋणात्मक परिमेय संख्याएं :
ऐसी परिमेय संख्याएं जिनके या तो अंश में या फिर हर में रिनाक्त्मक चिन्ह होता है ऐसी संख्याएं ऋणात्मक परिमेय संख्याएं कहलाती हैं। जैसे: -5/7, 5/-7, -2/3 आदि सभी उदाहरण में सभी ऋणात्मक परिमेय संख्याएं हैं क्योंकि इन संख्याओं के या तो हर में या फिर अंश में ऋणात्मक चिन्ह है।
परिमेय संख्याओं के गुणधर्म (property of rational number in hindi)
- एक परिमेय संख्या (जो p/q या अंश एवं हर के रूप में होती है) अगर हम किसी m पूर्णांक को उसके अंश एवं हर दोनों से गुना करें तो वह परिमेय संख्या बिलकुल नहीं बदलेगी अर्थात वैसी कि वैसी रहेगी।
उदाहरण:
हम उदाहरण के तौर पर एक परिमेय संख्या 2/3 लेते हैं। अब हम इस परिमेय संख्या के अंश एवं हर दोनों से 3 को गुना करते हैं। इस संख्या को 3 से गुना करने पर हमें 6/9 मिलता है। हमें यह संख्या बदली हुई लगेगी लेकिन अगर हम इस संख्या को इसके सरलतम रूप में लिखेंगे तो यह 2/3 ही बन जायेगी। अर्थात यह संख्या बिलकुल नहीं बदली है।
2. एक परिमेय संख्या (जो p/q या अंश एवं हर के रूप में होती है) अगर हम किसी m पूर्णांक को उसके अंश एवं हर दोनों से भाग देंगे तो वह परिमेय संख्या बिलकुल नहीं बदलेगी अर्थात वैसी कि वैसी रहेगी।
उदाहरण:
हम उदाहरण के तौर पर 2/3 को ही लेते हैं जो कि एक परिमेय संख्या अर्थात p/q के रूप में है। अगर हम इस संख्या के अंश एवं हर को किसी समान संख्या उदहारण के तौर पर हम 3 लेते हैं से भाग करते हैं। तो फिर हमारे पास आखिर में 2/3 ही बच जायेगी। अतः हमने देखा की अगर हम एक परिमेय संख्या के अंश एवं हर को एक समान संख्या से भाग देते है तो वह संख्या बिलकुल नहीं बदलती अर्थात वैसे कि वैसी ही रहती है।
परिमेय संख्या का सूत्र (formula of rational number in hindi)
हम उदाहरण के तौर पर 48/72 को लेते हैं हम देख सकते हैं ये एक परिमेय संख्या है लेकिन हमें यह भी पता है कि ये अपने सरलतम रूप में नहीं है। अभी इसे और सरल किया जा सकता है।
अतः हम इसे इसके सरलतम रूप में लिखेंगे जो कि 2/3 है। अतः जो परिमेय संख्याओं का मानक रूप उनका सरलतम रूप होता है। अगर एक परिमेय संख्या अपने सरलतम रूप में नहीं है तो वह अपने मानक रूप में नहीं है।
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48/72 का 2/3 सरलतम रूप कैसे हुआ?
Bhai ye dono number ko 24 se divide kar na
24*2/24*3
24×2=48,24×3=72=2/3
Hello bro
Hi
Example 2 ko difine kren