संयुक्त राष्ट्र परमाणु वाचडॉग ने कहा कि उत्तर कोरिया परमाणु कार्यक्रम की जांच के लिए विशेषज्ञों को देश में आने की दोबारा अनुमति दें।
अंतर्राष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा समिति की बैठक में निदेशक युकिया अमानो ने कहा कि उत्तर कोरिया के परमाणु साईट योंगब्योन में हलचल देखने को मिली है लेकिन बिना विभाग के अनुमति के इन गतिविधियों का अन्दाज़ा लगाना मुमकिन नहीं हैं।
उन्होंने कहा कि गतिविधियों की जांच के बाद इनका असल मकसद पता लगाया जा सकता है। आईएईए जांचकर्ताओं को साल 2009 में उत्तर कोरिया से निष्कासित कर दिया गया था, उन्होंने कहा कि एजेंसी उत्तर कोरिया के परमाणु कार्यक्रम के बाबत जानकारी एकत्रित करने को तैयार है यदि चिंतित देशों के मध्य एक राजनीतिक समझौता तैयार हो जाए।
निदेशक अमानो ने कहा कि ईरान साल 2015 में अमेरिका के साथ हुई परमाणु संधि में बने रहना चाहता है। इसका मकसद ईरान को आर्थिक जरूरतों के बदले परमाणु हथियारों के निर्माण से रोकना है। उन्होंने कहा कि ईरान परमाणु सम्बंधित अपनी प्रतिबद्धताओं का पालन कर रहा है।
अमेरिका ने बीते मई में ईरान के साथ साल 2015 में हुई परमाणु संधि को तोड़ दिया था और तेहरान पर दोबारा प्रतिबन्ध लगा दिए थे। अमेरिका के प्रतिबंधों के कारण ईरान की अर्थव्यवस्था की हालत बिगड़ती जा रही है और ईरानी मुद्रा धड़ल्ले से गिर रही है।
इस सबधी के अन्य सदस्य जर्मनी, ब्रिटेन, फ्रांस, रूस और चीन इस संधि के तहत कार्य कर रहे हैं। अमानो ने कहा कि ईरान को अपनी पूर्ण प्रतिबद्धताओं को निभाना होगा।
रिपोर्ट में उन्होंने बताया कि ईरान में जांचकर्ताओं को जांच करने का अधिकार जारी रखा चाहिए ताकि ईरान की परमाणु गतिविधियों से सम्बंधित हरकतों का पता लगाया जा सके।