पाटीदारों के आरक्षण की मांग को आगे बढ़ाने के लिए हार्दिक पटेल ने ओबीसी पैनल चीफ से मुलाक़ात की और गुजरात मे पाटीदारों की स्थिति पर सर्वे करने को कहा ताकि पाटीदारों कि आर्थिक और सामाजिक स्थिति का पता चल सके और महाराष्ट्र की तर्ज पर गुजरात मे भी पाटीदारों के लिए आरक्षण की मांग को उठाया जा सके।
मुलाक़ात के बाद हार्दिक ने मीडिया को बताया ‘हम ओबीसी कमीशन के चेयरमैन सुगनाबेन भट्ट से मिले और उन्हे 11 पेज कि एक चिट्ठी सौंपी जिसमे राज्य मे पाटीदारों के आर्थिक और सामाजिक स्थिति का पता लगाने के लिए एक सर्वे करने की मांग की’।
उन्होने कहा कि ‘हमने सर्वे जल्द असे जल्द शुरू करने कि मांग की है। हम जानते हैं कि आरक्षण देने से पहले सर्वे के द्वारा समुदाय कि सामाजिक और आर्थिक स्थिति का पता लगाया जाता है इसलिए हमने सर्वे करने कि मांग की है’।
महाराष्ट्र मे मराठा समुदाय को सर्वे मे सामाजिक और आर्थिक आधार पर 16 फीसदी आरक्षण देने के बाद हार्दिक पटेल की अध्यक्षता वाले पटीदार अमानत आंदोलन समिति (पीएएएस) ने गुजरात मे पाटीदारों के सर्वे की मांग ज़ोर शोर से उठाया है।
सुगनाबेन भट्ट से मुलाक़ात के बाद हार्दिक ने मुलाक़ात पर संतोष जताया और कहा कि समिति ने हमारी मागो पर सकारात्मक रुख दिखाया है। उन्होने क्लाहा कि भाजपा दो दशक से गुजरात मे सत्ता मे है लेकिन फिर भी वो पातीदारों को आरक्षण देने के बारे मे तय नहीं कर पाई है जबकि 3.5 सालों मे ही महाराष्ट्र कि भपा सरकार ने मराठों को आरक्षण दे दिया।
हार्दिक पटेल ने 2015 मे पाटीदारों को आरक्षण देने के लिए अपने अहमदाबाद मे एक बहुत बड़ी रैली का आयोजन किया था। आंदोलन काफी हिंसात्मक था। पुलिस और आंदोलनकारियों मे टकराव के कारण 14 लोगों कि जान चली गई थी। जबकि करोड़ों कि संपत्ति का नुकसान हुआ था।
आंदोलनकारियों को शांत करने के लिए सरकार ने अगड़ी जातियों के गरीबों के लिए 10 फीसदी आरक्षण लागू करने का अध्यादेश जारी किया जिसमे पटेल समुदाय भी शामिल था।