पाकिस्तान के प्रधानमन्त्री आर्थिक मदद के लिए अंतरराष्ट्रीय देशों की यात्राओं के आलावा घरेलू विवादों के लिए भी मशहूर हैं। इमरान खान ने ईसाईयों के ईश्वर जीसस पर टिप्पणी करते हुए कहा कि मानव इतिहास में जीसस का कोई जिक्र नहीं है। इस टिप्पणी के बाद इमरान खान ईशनिंदा के मामले में घिरते जा रहे हैं।
इससे पूर्व इमरान खान ने अपनी तुलना तानाशाह अडोल्फ़ हिटलर के करके विवादों को न्योता दिया था। पैगम्बर मुहम्मद की सालगिरह के जश्न के दौरान समारोह को संबोधित करते हुए इमरान खान ने कहा कि जीसस क्राइस्ट का मानव इतिहास में कोई जिक्र नहीं किया गया है। इस टिप्पणी के बाद पीएम खान की विडियो सोशल मीडिया पर ट्रोल होने लगी।
लाहौर के मानव अधिकार कार्यकर्ता गुल बुखारी ने ट्विटर पर ईरान खान का विडियो शेयर करते हुए लिखा, क्या मतलब। बुखारी का सन्देश का जवाब देते हुए खुर्रम कुरैशी ने कहा कि यह बेहद बेहूदा बात है, यह दावा करना कि इतिहास में जीसस का जिक्र नहीं या इसका जो भी मतलब हो लेकिन ईसाईयों की आस्था के खिलाफ अपना रवैया दर्शा रहे हैं।
पत्रकार नैयला इनायत ने ट्वीट कर कहा कि मौलाना इमरान खान के मुताबिक जीसस का जिक्र मानव इतिहास में नहीं है, ऐसा होता है, जब आप अपने जाल को फ़ैलाने की जुगत में होते हैं। एक अन्य ट्वीट में कहा गया कि क्या इमरान खान एक नज़रंदाज़ किये जाने वाले बेवक़ूफ़ हैं, उन्हें अंदाजा नहीं है कि इस बयान से ईसाईयों की भावनाएं कितनी आहत हुई है।
इमरान खान के इस बयान पर पाकिस्तान मुस्लिम लीग नवाज़ के नेता और पूर्व मंत्री अहसान इकबाल ने कहा कि कुरान में हजरत इसा के कई स्त्रोत दिए गए हैं, कैसे ट्रोल्लर्स ऐसे भद्दे बयानों का बचाव कर सकते हैं।