तेलंगाना में सत्ता हासिल करने की कोशिशों में लगी कांग्रेस के चुनाव प्रचार के लिए 23 नवम्बर को राहुल गाँधी और सोनिया गाँधी मेडचल में एक रैली करेंगे।
पार्टी सूत्रों के अनुसार गठबंधन के सहयोगियों में से कोई भी गाँधी परिवार के साथ मंच साझा नहीं करेगा, यहाँ तक की चंद्रबाबू नायडू भी नहीं। तेलंगाना मे कॉंग्रेस का टीडीपी, सीपीआई और तेलंगाना जन समिति के साथ गठबंधन है।
तेलंगाना मे कॉंग्रेस के जनरल सेक्रेटरी आर सी कुंटिया के अनुसार नायडू राहुल के साथ हैदराबाद, खम्मम और रंगारेड्डी जिले मे राहुल गाँधी के साथ चुनाव प्रचार करेंगे। इन तीनों जिलों मे ऐसे लोगों की बहुतायत है जिनकी जड़ें तो सीमान्ध्र मे है लेकिन वो तेलंगाना मे वोटर हैं। नजदीकी मुक़ाबले मे ये लोग अहम भूमिका निभा सकते हैं।
कुंटिया कहते हैं कि ‘कांग्रेस चाहती है कि सोनिया जी तेलंगाना में चेहरा बने। क्योंकि उनके यूपीए के अध्यक्ष रहने के दौरान ही आंध्र प्रदेश का बंटवारा हुआ था। लेकिन सोनिया जी की मेडचल की रैली राजनितिक नहीं है। वो कहते हैं कि तेलंगाना को उसकी एक अलग पहचान देने के लिए राज्य की तरफ से सोनिया जी के लिए धन्यवाद रैली है।
रैली में नायडू के शामिल होने के सवाल पर कुंटिया कहते हैं कि ‘हमने रैली के लिए किसी को फोन करके निमंत्रित नहीं किया है। अभी इस बारे में कोई निर्णय नहीं लिया गया है कि सोनिया जी की रैली में गठबंधन के सहयोगियों को बुलाया जाएगा या नहीं। कुछ भी तय होने पर मिडिया को बताया जाएगा।’
कांग्रेस के अन्य नेताओं का कहना है कि मेडचल की रैली ऐतिहासिक होगी। सोनिया जी ने तेलंगाना का निर्माण कर छात्रों के आत्महत्या को रोका जिन्होंने तेलंगाना के निर्माण के लिए पानी आहुति दे दी।
7 दिसंबर को तेलंगाना में वोट डाले जाएंगे। सत्ताधारी टीआरएस को सत्ता से हटाने के लिए कांग्रेस, टीडीपी, सीपीआई और तेलंगाना जन समिति ने गठबंधन बनाया है। कांग्रेस 94 सीटों के ऊपर चुनाव लड़ रही है जबकि 25 सीटें उसने सहयोगियों के लिए छोड़ी है।