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    काबुल में हुआ आत्मघाती हमला

    अफगानिस्तान की राजधानी काबुल में एक आत्मघाती हमलावर ने इस्लामिक जानकारों की एक सभा को निशाना बनाया था। इस हमले में 50 नागरिकों की मौत हो गयी है। इस दिन दुनिया भर के मुस्लिम पैगम्बर मोहम्मद की सालगिरह मनाते हैं। जन स्वास्थ्य मंत्रालय के प्रवक्ता वाहिद मज्रोह ने कहा कि इस हमले में 80 नागरिक घायल हुए हैं, 20 लोगों की हालत नाजुक है और यह आंकड़ा बढ़ सकता है।

    काबुल के एक विवाह स्थल में सैकड़ों मुस्लिम धार्मिक बुद्धिजीवी पैगंबर मुहम्मद का जन्मदिन का जश्न मनाने को एकत्र हुए थे, वहीँ आत्मघाती हमलावरों ने हमला कर दिया था। अभी किसी आतंकी समूह ने इस हमले की जिम्मेदारी नहीं ली है लेकिन तालिबान और स्थानीय इस्लामिक स्टेट आतंकी समूहों ने पहले कई बार धार्मिक बुद्धिजीवियों की सभा को निशाना बनाया था।

    काबुल पुलिस प्रमुख के प्रवक्ता बसीर मुजाहिद ने कहा कि दुर्भाग्य से इस हमें में सभी पीड़ित इस्लामिक बुद्धिजीवी है जो पैगम्बर मुहम्मद की सालगिरह का जश्न के लिए एकत्रित हुए थे। उन्होंने कहा कि इस कार्क्रम में पुलिस को सुरक्षा मुहैया करने के लिए नहीं कहा गया था इसलिए हमलावरों ने इस निकाह स्थल को आसानी से निशाना बना लिया था। उन्होंने कहा कि अधिकतर शादी स्थलों पर निजी सुरक्षा होती है।

    निकाह स्थल के एक वेटर मुहम्मद मुजामिल ने कहा कि हम मेहमानों के लिए पानी लेने गए थे कि तभी धमाके की आवाज़ सुनाई दी थी। उन्होंने कहा कि सब धुएं और धुल से ढक गया था, कुर्सियों के आस-पास अधिक संख्या में लाशें बिखरी हुई थी।

    पुलिस ने इस वारदात के स्थल के आसपास की सड़के बंद कर दी है। इस हादसे में जख्मी हुए लोगों के सैकड़ों परिचित और परिवारजन स्थानीय अस्पताल में इकट्ठे हुए हैं। राष्ट्रपति अशरफ गनी ने इस हमले को इस्लामिक मूल्यों और पैगम्बर मुहम्मद के समर्थकों पर हमला कहा था। उन्होंने कहा कि यह मानवता पर हमला है।

    पाकिस्तान के पीएम इमरान खान ने भी इस हमले की आलोचना की और पीड़ितों के लिए संवेदना जताई थी। अमेरिका और अफगानिस्तान इस्लामाबाद पर तालिबान के प्रमुखों को पाकिस्तान में पनाह देने के आरोप लगाते हैं। हालांकि पाकिस्तान इन आरोपों खंडन करता रहा है।

    इस्लामिक स्टेट ने बीते जून में एक आत्मघाती हमले का दावा किया था, इस हमले में साथ नागरिकों की जान गयी थी और करीबन 20 लोग घायल हुए थे। तालिबान और इस्लामिक स्टेट के आतंकी समूह अमेरिकी समर्थित अशरफ गनी की सरकार को उखाड़ फेंकना चाहती है।

    By कविता

    कविता ने राजनीति विज्ञान में स्नातक और पत्रकारिता में डिप्लोमा किया है। वर्तमान में कविता द इंडियन वायर के लिए विदेशी मुद्दों से सम्बंधित लेख लिखती हैं।

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