इंदौर: विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने मंगलवार को कहा कि गीता, एक मूक और बधिर लड़की वापस पड़ोसी मुल्क नहीं जाएगी। तीन साल पहले पाकिस्तान से वे भारत लौटी थी।
सुषमा ने संवाददाताओं से बात करते हुए कहा-“गीता हिंदुस्तान की बेटी है। हिंदुस्तान में उसके परिवारवाले मिलें या न मिलें, वह दोबारा पाकिस्तान कभी नहीं भेजी जाएगी। उसकी देखभाल भारत सरकार ही करेगी।”
साथ ही ये भी कहा-“गीता के माता-पिता की तलाश के लिए पिछले तीन साल से मैं खुद जी-तोड़ मेहनत कर रही हूं। चूंकि वह विवाह के योग्य हो गई है। इसलिए हम उसकी शादी कराने की भी कोशिश कर रहे हैं।”
विदेश मंत्री ने बताया कि 8 दम्पतियों ने गीता के माँ-बाप होने का दावा किया था मगर जब सबके डीएनऐ के नमूने गीता के डीएनऐ से मिलाये गए तो पता चला कि उनके सारे दावे गलत थे। उनमे से एक भी गीता के असली माँ-बाप नहीं हैं। कई दम्पति ऐसे भी थे जिन्होंने गीता को अपनी बेटी तो बताया था मगर जांच के लिए डीएनऐ नमूने नहीं दिए।
उन्होंने कहा, ‘गीता जब पाकिस्तान में थी, तब उसने हमारे द्वारा भेजी गई फोटो देखकर एक भारतीय परिवार की पहचान अपने बिछड़े परिवार के रूप में की थी। लेकिन भारत वापसी के फौरन बाद युवती ने संबंधित दम्पति के बारे में कहा था कि वे उसके माता-पिता नहीं हैं।’
मध्यप्रदेश सरकार के सामाजिक न्याय और नि:शक्त कल्याण विभाग की देखरेख में इंदौर की एक गैर सरकारी संस्था के आवासीय परिसर में फ़िलहाल गीता की देखभाल की जाती है। जब गीता 7-8 साल की थीं तब पाकिस्तानी रेंजर्स ने उन्हें समझौता एक्सप्रेस से उठाया था। ये उन्हें लाहौर रेलवे स्टेशन पर मिली थी। वहा गीता एधि नाम की संस्था में रही थी।
लगभग तीन साल पहले, 26 अक्टूबर 2015 को सुषमा स्वराज, बड़े जतनो द्वारा गीता को पाकिस्तान की चंगुल से छुडाके भारत वापस लेकर आयी थीं।
जब उनसे भारतीय नौसेना के पूर्व अधिकारी कुलभूषण जाधव जो काफी समय से पाकिस्तान की जेल में हैं , उनकी रिहाई के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा-“हमने अंतरराष्ट्रीय न्यायालय (आईसीजे) से जाधव की फांसी पर स्थगन आदेश ले रखा है। आगामी फरवरी में इस मामले की फिर सुनवाई होने वाली है। हमने परसों भी (पाकिस्तान से) जाधव तक राजनयिक पहुंच मांगी है।”