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    रोहिंग्या मुस्लिम अत्याचार म्यांमार

    विश्व भर में चर्चित रोहिंग्या मुस्लिमों का मुद्दा दिन प्रतिदिन विशाल रूप ले रहा है। म्यांमार से बांग्लादेश भाग कर आये कुछ शरणार्थियों ने म्यांमार सेना द्वारा किये अत्याचारों की घटनाएं सुनाई।

    म्यांमार से भाग कर आये एक रोहिंग्या मुस्लिम जाकिर अहमद ने बताया, ‘हम एक नदी किनारे रहते थे। एक दिन सुबह अचानक सेना के जवानों ने हथियारों के साथ हम पर हमला कर दिया। लोगों को देखते ही गोलियां मार दी गयी। मरने वालों में ज्यादातर बच्चे और नौजवान थे। कुछ लोगों ने बचने के लिए नदी में छलांग लगा दी। नदी में बहने से कई लोगों की जानें चली गयी।’

    म्यांमार रोहिंग्या मुस्लिम अत्याचार

    अहमद ने बताया कि उसके जैसे कुछ लोगों ने किसी तरह अपनी जान बचाकर वहां से भागे। कई लोगों ने सैकड़ों किमी की दूरी तय करके बांग्लादेश में शरण ली।

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    अहमद ने बताया कि सेना ने उनके सामने उनके बच्चों और पत्नी को मार दिया था।

    म्यांमार में लगभग 12 लाख रोहिंग्या मुस्लिम रहते थे। इनमे से करीबन 2 लाख लोगों ने म्यांमार से भागकर बांग्लादेश, भारत और थाईलैंड जैसे देशों में शरण ली है।

    रोहिंग्या मुस्लिम अत्याचार

    मीडिया को दिए इंटरव्यू में लोगों ने बताया कि किस तरह 30 अगस्त को सेना ने उनके गाँव को तीन और से घेरकर तबाह कर दिया। लोगों ने बताया कि सैकड़ों लोगों को मौत के घाट उतर दिया एवं वहींन दफना दिया। जिसने भी भागने की कोशिश की, वह नदी के तेज बहाव का शिकार हो गए।

    रोहिंग्या मुस्लिमों की मदद के लिए कई लोगों ने संयुक्त राष्ट्र से अपील की है, लेकिन संयुक्त राष्ट्र का कहना है कि उनकी मदद वहां तक नहीं पहुँच रही है। कल ही जामा मस्जिद के एक मौलवी ने सऊदी अरब के किंग को पत्र लिखा जिसमे मुस्लिम भाई-बहनों की मदद की गुहार की है।

    पत्र में लिखा गया कि इतनी बड़ी मात्रा में मुस्लिमों के साथ हो रहे अत्याचार को क्यों नहीं रोका जा रहा है।

    आपको बता दें कि म्यांमार की अधिकतर आबादी बौद्ध धर्म को मानती है। इस कारण से समय समय पर उनके और रोहिंग्या मुस्लिमों के बीच विवाद खड़े हो जाते हैं। पिछले कुछ सालों में लाखों की संख्या में इन मुस्लिमों ने म्यांमार को छोड़कर दूसरे देशों में शरण ली है।

    रोहिंग्या मुस्लिम अत्याचार

    बांग्लादेश में इनके लिए शरणार्थी कैम्प बनाये गए हैं। संयुक्त राष्ट्र ने रोहिंग्या मुस्लिमों पर एक रिपोर्ट बनायीं है, जिसमे इनपर हुए अत्याचारों का उल्लेख किया गया है।

    म्यांमार की आंग सान सु की सरकार इनपर चुप्पी साधे हुए है। सरकार के कुछ अधिकारीयों का मानना है कि कई रोहिंग्या मुस्लिम आतंकवादियों का साथ दे रहे हैं। लेकिन इन लोगों का कहना है कि आतंकवादियों का हवाला देकर इनका सफाया करने की कोशिश की जारी है।

    By पंकज सिंह चौहान

    पंकज दा इंडियन वायर के मुख्य संपादक हैं। वे राजनीति, व्यापार समेत कई क्षेत्रों के बारे में लिखते हैं।