छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश में मायावती से धोखा खा चुकी कांग्रेस ने राजस्थान में उसे कोई भाव नहीं दिया। राजस्थान विधानसभा चुनाव के लिए कांग्रेस ने अपने सहयोगियों के लिए 5 सीटें छोड़ी है लेकिन बसपा को ठेंगा दिखा दिया।
रविवार को जारी की गई पार्टी की तीसरी लिस्ट में 13 उम्मीदवारों के नाम की घोषणा की जबकि राज्य में अपने छोटे सहयोगियों के लिए पार्टी ने 5 छोड़ी है। कांग्रेस ने राज्य में राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के लिए बाली सीट, शरद यादव की नयी लोकतान्त्रिक जनता दल के लिए मुंडावर और कुशलगढ़ और जीत सिंह की पार्टी राष्ट्रीय लोक दल (आरएलडी) के लिए भरतपुर और मालपुरा सीट छोड़ दी है।
मायावती ने छत्तीसगढ़ में कांग्रेस पर क्षेत्रीय पार्टियों को ख़त्म करने का आरोप लगाते हुये उससे किसी भी प्रकार के गठबंधन से इंकार कर दिया था और अजीत जोगी की जनता कॉंग्रेस छतीसगढ़ से गठबंधन का ऐलान कर दिया था।
हालांकि कॉंग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने मायावती के फैसले से निराशा जताते हुये 2019 लोकसभा चुनाव मे बसपा के साथ गठबंधन की उम्मीद जताई थी ।
मध्य प्रदेश मे भी बसपा ने कॉंग्रेस से नाराजगी जताते हुये अकेले चुनाव मैदान मे उतारने का फैसला कर लिया।
मध्य प्रदेश में बसपा ने 2013 में 6 फीसदी वोट हासिल किये थे, जबकि छत्तीसगढ़ में 4.27 फीसदी और राजस्थान में 3.27 फीसदी वोट हासिल किए थे।