2016 के लोकसभा चुनावों से पहले विपक्षी एकता के लिए अच्छी खबर आई। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी 22 नवंबर को भाजपा विरोधी दलों की होने वाली बैठक में शामिल होने के लिए तैयार हैं। आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री और टीडीपी प्रमुख चंद्रबाबू नायडू ने 2016 लोकसभा चुनाव से पहले विपक्षी एकता को धार देने के लिए सभी प्रमुख विपक्षी दलों की बैठक बुलाई है।
शुक्रवार को नायडू के मंत्रियों ने कोलकाता में तृणमूल के नेताओं से मुलाकात की जिसके बाद ममता बनर्जी ने ये निर्णय लिया कि वो इस बैठक में शामिल होंगी। 22 नवम्बर को मीटिंग के बाद सभी प्रमुख नेता एक साझा प्रेस कॉन्फ्रेंस को सम्बोधित करेंगे।
अभी तक कांग्रेस के अलावा , तेलुगु देशम पार्टी, आम आदमी पार्टी, जनता दल (सेक्युलर), एनसीपी के अलावा टीएमसी इस बैठक में शामिल होने के लिए सहमति दे चुकी हैं। शरद यादव ने भी इस बैठक में शामिल होने के लिए अपनी सहमति दी है। जबकि बहुजन समाज पार्टी की प्रमुख मायावती और लेफ्ट ने अभी तक इस बारे में कोई फैसला नहीं किया है।
हालाँकि 2 हफ्ते पहले अपने दिल्ली दौरे के दौरान चंद्रबाबू नायडू ने मायावती से मुलाकात की थी और उनसे 2019 में मोदी के खिलाफ बनने वाले गठबंधन की अहमियत पर चर्चा की थी लेकिन अभी तक बहुजन समाज पार्टी की तरफ से इस बैठक में शामिल होने की पुष्टि नहीं हुई है।
अमरावती में कांग्रेस के महासचिव अशोक गहलोत से मुलाकात के बाद नायडू ने चल रहे राज्य विधानसभा चुनावों के बीच एक मजबूत विपक्षी शो के लिए योजनाओं की घोषणा की थी। उनका मांनना है कि विधानसभा चुनावों के बीच विपक्षी एकता का जनता के बीच अच्छा सन्देश जाएगा और इसका विधानसभ चुनावों में भाजपा के खिलाफ फायदा भी मिल सकता है।
2019 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को चुनौती देने के लिए क्षेत्रीय दलों को एक मंच पर लाने के प्रयास के अंतर्गत चंद्रबाबू नायडू पिछले एक महीने में लगभग सभी शीर्ष विपक्षी नेताओं से मिल चुके हैं।