शुक्रवार को मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई की अध्यक्षता में सुप्रीम कोर्ट की पीठ ने सीबीआई निर्देशक आलोक वर्मा की याचिका पर सुनवाई करते हुए आदेश दिया कि सीवीसी की जांच रिपोर्ट को आलोक वर्मा को सौंपा जाये। सुप्रीम कोर्ट ने मामले की सुनवाई मंगलवार तक टालते हुए आलोक वर्मा को सोमवार तक जवाब तैयार करने को कहा है।
कोर्ट ने सरकारी वकीलों को भी सीवीसी की जांच रिपोर्ट कॉपी देने का आदेश दिया है लेकिन कोर्ट ने राकेश अस्थाना को सीवीसी की रिपोर्ट देने से मना कर दिया।
कोर्ट ने कहा कि कोई भी फैसला सुनाने से पहले हम याचिकाकर्ता का जवाब जानना चाहेंगे। अपने जवाब दाखिल करने के लिए याचिकाकर्ता आलोक वर्मा को सीवीसी रिपोर्ट दी जानी चाहिए। 8 पन्नो के अपने नोट मे सीवीसी ने कहा कि दो आरोप सीरियस हैं और इन पर जांच की आवश्यकता है। वे दो आरोप हैं –
1) सतीश बाबू द्वारा मोईन कुरैशी की जांच बंद करने के लिए सीबीआई निदेशक को 2 करोड़ का रिश्वत देना और
2) आईआरसीटीसी मामले से मुख्य संदिग्ध राकेश सक्सेना को बाहर करने के लिए सीबीआई निदेशक के अपर्याप्त हस्तक्षेप और प्रयास। यह भी आरोप लगाया गया है कि सीबीआई निदेशक ने संयुक्त निदेशक विनीत विनायक को लालू पासद यादव के घर में तलाशी नहीं करने के निर्देश दिए थे।
गौरतलब है कि सीबीआई निदेशक आलोक वर्मा ने सीबीआई के स्पेशल निदेशक राकेश अस्थाना पर 2 करोड़ रूपये रिश्वत लेने का आरोप लगाया था जिसके बाद अस्थाना ने भी वर्मा पर पलटवार ने रिश्वत लेने का आरोप लगा दिया।
आपसी झगडे में देश की प्रतिष्ठित जांच एजेंसी की किरकिरी होते देख केंद्र सरकार को हस्तक्षेप करना पड़ा था और सरकार ने दोनों को छुट्टी पर भेज दिया। छूती पर भेजने के खिलाफ आलोक वर्मा सुप्रीम कोर्ट पहुँच गए जिसपर कोर्ट ने सीवीसी को जाँच कर दो हफ्ते में रिपोर्ट सौंपने का निर्देश दिया था।