देशभर में चल रहे गौरक्षको के आंतक पर सुप्रीम कोर्ट सख्त हो गया है। सुप्रीम कोर्ट ने हर जिले में सीनियर पुलिस अफसर को तैनात करने का आदेश दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने राज्य के हर जिले में अफसर को नियुक्त करने का आदेश दिया है, ताकि नोडल अधिकारी कथित गौ रक्षको की हिंसा के खिलाफ करवाई कर सके।
अदालत ने राज्यों को एक सप्ताह में अपनी टास्क फ़ोर्स बनाने का आदेश दिया है। जिसमे सीनियर पुलिस अधिकारियो को नोडल अधिकारी के रूप में रखा जायेगा।
सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार और राज्य सरकारों को कहा है कि गौरक्षा के नाम पर कानून हाथ में लेने वाले समूहों पर प्रभावी कदम उठाये।
SC also said Central and state governments must take effective steps to stop cow vigilante groups from taking law in their hands
— ANI (@ANI) September 6, 2017
केंद्र का प्रतिनिधित्व कर रहे एएसजी तुषार मेहता ने कोर्ट को कहा कि ‘कानून किसी भी प्रकार की अनियंत्रित घटनाओ को रोकने के लिए है’
इसके जवाब में चीफ जस्टिस ऑफ़ इंडिया दीपक मिश्रा ने कहा ‘हम जानते है कि कानून है। लेकिन क्या कार्यवाई की गयी है? आप नियोजित कार्यवाई कर सकते है, जिससे हिंसा को बढ़ावा न मिले।
CJI Dipak Misra said 'We know laws are there, but what action has been taken? You can take planned action so that vigilantism does not grow'
— ANI (@ANI) September 6, 2017
7 अप्रैल को तहसीन पूनावाला ने गौ रक्षा के नाम पर बने संगठनों पर प्रतिबंध लगाने की याचिका दायर की थी। याचिकाकर्ता ने अलवर इलाके में हुई हिंसा का हवाला देते हुए गोरक्षा के नाम पर दलितों और अल्पसंख्यकों के नाम पर हो रही हिंसा को रोकने की मांग की थी।