बिहार की राजनीति रोज एक नई करवट ले रही है। रालोसपा अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा ने जहाँ नीतीश कुमार के खिलाफ खुली लड़ाई का ऐलान कर दिया वही अब वो इस लड़ाई में अकेले पड़ते जा रहे हैं। एनडीए की अन्य पार्टियां भाजपा और लोजपा ने साफ़ कर दिया कि इस मुद्दे पर वो नीतीश कुमार के साथ खड़ी है।
उपेंद्र कुशवाहा द्वारा नीतीश कुमार पर खुद को नीच कहने का आरोप लगाने के बाद बिहार के उपमुख्यमंत्री और भाजपा नेता सुशील कुमार मोदी ने नीतीश का बचाव किया। सुशील मोदी ने नीतीश का पक्ष लेते हुए कहा कि वो किसी के लिए नीच जैसा सम्बोधन इस्तमाल नहीं कर सकते।
उपमुख्यमंत्री ने कहा कि ‘उस कार्यक्रम में मैं भी मौजूद था। नीतीश ने किसी भी व्यक्ति के लिए नीच शब्द का इस्तमाल नहीं किया। कुछ लोग जबरन शहीद बनने की कोशिश कर रहे हैं लेकिन उन्हें सफलता नहीं मिलेगी।’
नीतीश कुमार ने कभी किसी नेता के बारे ‘नीच’शब्द का प्रयोग नहीं किया है ।मैं उस कार्यक्रम में मौजूद था ।जान बूझ कर कुछ लोग शहीद बन ने की कोशिश कर रहें हैं ।परंतु उन्हें सफलता नहीं मिलेगी।
— Sushil Kumar Modi (@SushilModi) November 12, 2018
अब तक भाजपा कुशवाहा और नीतीश की लड़ाई पर चुप थी लेकिन जैसे ही कुशवाहा दिल्ली में पूर्व जीडीयू नेता शरद यादव से मिले भाजपा की ओर से नीतीश कुमार के समर्थन में बयान आ गया।
शरद यादव से मिलने से एक रात पहले कुशवाहा ने नीतीश पर अपनी पार्टी को तोड़ने का आरोप लगाया था।
एनडीए के एक अन्य सहयोगी लोक जनशक्ति पार्टी ने भी नीतीश कुमार का बचाव करते हुए कहा कि वो किसी के बारे में ऐसे शब्द का प्रयोग नहीं कर सकते।
लोक जनशक्ति पार्टी के नेता चिराग पासवान ने पत्रकारों से कहा ‘मुझे नहीं लगता कि नीतीश कुमार किसी के खिलाफ कोई अनुचित टिप्पणी कर सकते हैं।’
चिराग ने कुशवाहा को हर बात मीडिया में ले जाने पर नसीहत भी दे डाली। चिराग ने कहा कि ‘कुशवाह को अन्य एनडीए भागीदारों के साथ हर शिकायत के साथ सार्वजनिक नहीं करना चाहिए। उन्हें कुमार के जेडीयू को देखना चाहिए। उन्होंने अपने आरोपों पर एक शब्द नहीं बोला है मीडिया में।’
कुशवाहा ने रविवार को लोक जनशक्ति पार्टी के अध्यक्ष रामविलास पासवान से सीट शेयरिंग के मुद्दे पर मुलाक़ात की थी।
सीट बंटवारे को ले कर सबसे ज्यादा बेचैन कुशवाहा की पार्टी ही है। 2013 में जेडीयू से अलग होकर अपनी पार्टी बनाने वाले कुशवाहा नीतीश के लिए अपनी सीटों को कुर्बान नहीं करना चाहते। जबकि लोजपा की तरफ से इस बात के स्पष्ट संकेत मिल चुके हैं कि वो गठबंधन के नए सहयोगी के लिए सीटें कुर्बान करने को तैयार है।
सूत्रों के अनुसार लोजपा के सीट छोड़ने के एवज में भाजपा उसे राज्यसभा की एक सीट दे सकती है। जिसके कारण अब लोजपा भी खुल कर नीतीश के समर्थन में बोलने लगी है।