देश में नयी इंटरनेट कंपनियों ने अपना जलवा कायम रखा हुआ है। यूँ तो देश में पिछले एक दशक से विदेशी निवेशकों ने जमकर निवेश किया है, लेकिन भारतीय स्टार्टअप के लिए ये वर्ष बेहद खास रहा है।
एक ओर इन कंपनियों में जहाँ बड़ा निवेश किया गया है, वहीं दूसरी ओर इन कंपनियों ने बड़ा नुकसान भी झेला है। इस कतार में पेटीएम, फ्लिपकार्ट, मेक माइ ट्रिप इंडिया, स्वीग्गी और ज़ोमेटो शामिल हैं। पिछले वित्तीय वर्ष में इन कंपनियों का कुल नुकसान 7,800 करोड़ रुपये था।
इसमें सबसे अधिक नुकसान पेटीएम की मूल कंपनी वन97 कम्युनिकेशन को हुआ है। इस कंपनी ने इस दौरान 3,393 करोड़ रुपये का नुकसान उठाया है।
यह भी पढ़ें: हाल ही में करोड़पति बने फ्लिपकार्ट के कर्मचारी करेंगे विभिन्न स्टार्टअप में निवेश
वहीं बाज़ार विशेषज्ञों का कहना है कि इन घाटों के बावजूद इन कंपनियों का राजस्व मॉडल विदेशी निवेशकों को पसंद आ रहा है।
इस समय देश में सभी स्टार्टअप मुनाफे को ध्यान में न रखते हुए सिर्फ बाज़ार पर कब्ज़ा करना चाह रहे हैं।
जानकारों के अनुसार अभी कुछ साल पहले निवेशक इन कंपनियों से सिर्फ मुनाफा चाहते थे, लेकिन अब यही निवेशक इन कंपनियो को बाज़ार में कब्ज़ा करने पर प्रोत्साहित कर रहे हैं।
यह भी पढ़ें: फ्लिपकार्ट के मालिक सचिन बंसल ओला में कर सकते हैं 10 करोड़ डॉलर का निवेश
देश के स्टार्ट अप को निवेशक कितना पसंद कर रहे हैं इसका अंदाज़ा इस बात से भी लगाया जा सकता है कि देश के ओला और ओयो जैसे स्टार्टअप अब वैश्विक स्तर पर अपना विस्तार कर रहे हैं।
फ्लिपकार्ट ने भी इस बार वालमार्ट से 16 अरब डॉलर का निवेश मिलने के साथ ही अमेरिकी दिग्गज़ ई-कॉमर्स कंपनी अमेज़न को काफी परेशान किया है।
गौरतलब है कि फ्लिपकार्ट और ओयो जैसी कंपनियों ने इसी 12 महीनों के भीतर ही इतनी बड़ी मात्रा में निवेश हथिया लिया है। इसी के साथ ये सभी स्टार्टअप अब नए बाज़ार की स्थापना करने में लगे हुए हैं।
यह भी पढ़ें: स्टार्टअप के मामले में विश्व में तीसरे नंबर पर हैं बंगलुरु शहर