अमेज़न और फ्लिपकार्ट ने अब ये वादा किया है कि वो अपनी वेबसाइट पर नकली कॉस्मेटिक उत्पाद नहीं बेचेंगी। दोनों ही कंपनियों ने वादा देश के दवा नियंत्रक जनरल (DCGI) के सामने किया है।
1 नवंबर को हुई एक मीटिंग के दौरान ये दोनों ही कंपनियाँ डीसीजीआई के सामने पेश हुईं थीं। इन दोनों ही कंपनियों को अक्टूबर माह में दवा एवं प्रसाधन अधिनियम 1940 का उल्लंघन करने के बाद ‘कारण बताओ’ नोटिस जारी किया गया था।
डीसीजीआई के अनुसार इन दोनों ही कंपनियों पर मिलावटी और अनियमित सौन्दर्य प्रसाधन बेंचने का आरोप था, जिसके चलते इन कंपनियों को नोटिस जारी किया गया था।
इन कॉस्मेटिक में से कुछ उत्पाद ऐसे भी थे, जो इंसान के लिए अधिक हानिकारक थे।
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नियामक ने इन कंपनियों को उत्पाद बेंचने वाले विक्रेताओं की जानकारी को लाइसेन्स नंबर के साथ अपनी वेबसाइट में प्रस्तुत करने के लिए कहा है।
इस बाबत जानकारी देते हुए DCGI एस्वरा रेड्डी ने बताया है कि “इन कंपनियों को इनके सिस्टम में सुधार लाने के लिए बोला गया है। इसके चलते ये कंपनियाँ तत्काल प्रभाव से अपनी वेबसाइट पर से ये उत्पाद हटाने पर काम शुरू कर देंगी।”
नियामक ने पाया है कि इन सभी उत्पादों की क्वालिटी और सुरक्षा पर किसी भी कंपनी ने गौर नहीं किया है, ऐसे में ये उत्पाद ग्राहकों के लिए कितने हानिकारक हो सकते हैं, इसकी कोई परवाह नहीं की गयी है।
इसी के साथ ही इन वेबसाइट में शरीर के भीतर इंजेक्ट किए जाने वाले स्टेम सेल आधारित सौन्दर्य उत्पाद भी पाये गए हैं।
हालाँकि नियामक ने इसे तुरंत संज्ञान में लेते हुए देश के आठ राज्यों के 30 ठिकानों पर छापेमारी करते हुए इस तरह के उत्पादों को भारी मात्रा में अपने कब्जे में ले लिए है।
मालूम हो कि दवा और प्रसाधन अधिनियम 1940 के तहत देश में इस तरह के उत्पादों के आयात, निर्माण व बिक्री के लिए नियम तय है। इस तरह से देश में इस तरह के उत्पादों के व्यवसायीकरण में इस अधिनियम का पालन करना अनिवार्य है।
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