आरबीआई के अंशकालिक निदेशक गुरुमूर्ती स्वामीनाथन ने कहा है कि “नोटबंदी एक मौलिक सुधार था, जिसके चलते देश कि अर्थव्यवस्था को अमेरिकी मंदी जैसे हालातों से बचाया जा सका है।”
इसके पहले वर्ष 2017 में स्वामीनाथन ने नोटबंदी को 1990 के दशक में हुए उदारीकरण के समतुल्य बताया था।
स्वामीनाथन के अनुसार नोटबंदी से देश में संपत्ति कीमत के आधार पर झूठी विकास दर को रोकने में मदद मिली है।
मालूम हो कि आरबीआई के अंशकालिक निदेशक गुरुमूर्ती स्वामीनाथन आरएसएस से जुड़े स्वदेशी जागरण मंच के सह-संयोजक भी हैं।
यह भी पढ़ें: नोटबंदी पर सरकार के दावे को आरबीआई ने कर दिया था ख़ारिज
नरेंद्र मोदी द्वारा घोषित नोटबंदी के एक साल बाद ही स्वामीनाथन ने नोटबंदी के पक्ष में कई लेख लिखे हैं। स्वामीनाथन ने 2016 कि नोटबंदी को 1990 के दशक में शुरू हुए उदारीकरण से समकक्ष बताया है।
स्वामीनाथन ने नोटबंदी के समर्थन में कई सार्वजनिक स्थानों पर भी अपना भाषण दिया है।
अभी पिछले 8 नवंबर को नोटबंदी के 2 साल पूरे हो गए हैं। ऐसे में देश के वित्त मंत्री अरुण जेटली ने एक बार फिर से नोटबंदी को सही दर्शाते हुए इसे देश की अर्थव्यवस्था को औपचारिक बनाने का साधन बताया है।
जेटली के अनुसार नोटबंदी से देश में करदाताओं की संख्या में अप्रत्याशित इजाफा हुआ है।
यह भी पढ़ें: इस पंचवर्षीय देश में करदाताओं की संख्या होगी दोगुनी: अरुण जेटली
यह भी पढ़ें: कैश पर प्रतिबंध लगाना नहीं था नोटबंदी का उद्देश्य: अरुण जेटली