भारतीय रिज़र्व बैंक (आरबीआई) ने शुक्रवार को 31 नॉन बैंकिंग फ़ाइनेंस कंपनियों (एनबीएफ़सी) का पंजीकरण बिना किसी स्पष्ट कारण बताए निरस्त कर दिया है।
इसी के साथ ही आरबीआई ने 17 ऐसी एनबीएफ़सी का पंजीकरण निरस्त किया है जिन्होने आरबीआई से इसके लिए कहा था। मालूम हो कि आरबीआई ने यह कदम इस वक़्त देश में एनबीएफ़सी सेक्टर में पैदा हुई समस्याओं को देखते हुए उठाया है।
आरबीआई ने अपने एक बयान में बताया है कि इन सभी 31 कंपनियों में से 27 कंपनियाँ सिर्फ पश्चिम बंगाल की ही थीं।
पश्चिम बंगाल के साथ ही उत्तर प्रदेश की भी 4 कंपनियों का पंजीकरण रद्द हुआ है। इसी के साथ इन सभी कंपनियों को आरबीआई ने साफ तौर पर कहा है कि इसके बाद ये कंपनियाँ इससे संबन्धित किसी भी तरह का व्यवसाय न करें।
यह भी पढ़ें: NBFC की मदद को आगे आया आरबीआई, बैंकों को अधिक ऋण देने की स्वीकृति
गौरतलब है कि देश में पंजीकृत कुल 12 हज़ार से भी अधिक एनबीएफ़सी अभी आरबीआई के नियमों के अंतर्गत हैं। वहीं कुछ कंपनियों पर आरबीआई ने अपना शिकंजा कसा हुआ है।
मालूम हो कि अगस्त महीने के अंत में IL&FS की घटना के साथ ही पूरा एनबीएफ़सी सेक्टर हिल गया है। ऐसे में इस सेक्टर में मुद्रा प्रसार बड़ी मुश्किल से हो पा रहा है।
यह भी पढ़ें: पैसे की कमी से जूझ रही IL&FS चाहती है सरकार की मदद
वहीं आरबीआई ने कई एनबीएफ़सी पर अधिक संपत्ति खरीदने का भी आरोप लगाया है, इसी के चलते इस सेक्टर में संपत्ति और आर्थिक दायित्व के बीच असंतुलन पैदा हो गया है।
यह भी पढ़ें: अब आरबीआई के साथ वित्तीय बाज़ार पर पैनी नजर रखेगा सेबी