सऊदी अरब के पासपोर्ट नियमो में फेर बदल के कारण अब इजराइल के मुस्लिम श्रद्धालु सालाना मक्का यात्रा नहीं कर पायेंगे। इजराइल के सऊदी अरब के साथ कोई कूटनीतिक सम्बन्ध नहीं है। सऊदी विभाग ने ऐलान किया कि वह अस्थायी पासपोर्ट को अब मान्यता नहीं देंगे। इजराइल के मुस्लिम श्राद्धालु जॉर्डन के पासपोर्ट पर मक्का की यात्रा करते हैं।
इजराइल के विदेश विभाग के प्रवक्ता ने कहा कि सरकार हालातों की समीक्षा कर रही है। येरुशलम में स्थित जॉर्डन धार्मिक विभाग ने इस मसले पर टिप्पणी करने से इनकार कर दिया था। सऊदी और इजराइल का दुश्मन ईरान है और इसी एक दुश्मन के कारण दोनों राष्ट्र द्विपक्षीय समझौते के अंतिम चरम पर थे।
हाल ही में पटकार जमाल खाशोज्जी की हत्या की आलोचना झेल रहे सऊदी अरब का बचाव करते हुए इजराइल के प्रधानमन्त्री बेंजामिन नेतान्याहू ने कहा था कि हालिया घटना सऊदी अरब को अस्थिर करने की अनुमति नहीं देती है। सऊदी अरब के इस निर्णय से फिलिस्तीन के नागरिक भी प्रभावित होंगे।
ख़बरों के मुताबिक इस बदलाव से येरुशलम में फिलिस्तीन नागरिक भी प्रभावित होंगे। पश्चिमी इलाके और गज़ा पट्टी के नागरिक भी जॉर्डन के अस्थायी पासपोर्ट पर मक्का की यात्रा करते हैं।
फिलिस्तीन विभाग के अधिकारी सलीम अलाश्कार ने कहा कि इस बदलाव से इजराइल में रहने वाले हजारों अरबी और फिलिस्तानी प्रभावित होंगे। उन्होंने कहा कि उन्हें कई श्रद्धालुओं से शिकायते मिली हैं कि उन्हें जॉर्डन के पासपोर्ट पर मक्का जाने की अनुमति नहीं दी गयी थी। उन्होंने कहा कि हम अधिकारिक टिप्पणी और सऊदी अरब से स्पष्टीकरण का इंतजार कर रहे हैं।