अमेरिका के उपराष्ट्रपति माइक पेन्स दक्षिण एशिया के चार राष्ट्रों के दौरे पर हैं। चार राष्ट्रों के दौरे पर अमेरिकी उपराष्ट्रपति भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से मुलाकात करेंगे। साथ ही माइक पेन्स सिंगापुर में आयोजित यूएस-आसियन सम्मेलन और ईस्ट एशिया सम्मेलन में भी शरीक होंगे।
सामान्य तौर पर इन शिखर सम्मेलनों में अमेरिकी राष्ट्रपति शरीक होते हैं। हालांकि इस बार डोनाल्ड ट्रम्प के आग्रह पर उपराष्ट्रपति माइक पेन्स इस सम्मेलन में अमेरिका का प्रतिनिधित्व करेंगे। माइक पेन्स 11 से 18 नवम्बर तक की यात्रा में जापान, सिंगापुर, ऑस्ट्रेलिया और पापुआ न्यू गुइनेअ की यात्रा करेंगे। वह सिंगापुर में आयोजित यूएस-आसियन सम्मेलन और ईस्ट एशिया सम्मेलन के साथ ही पापुआ न्यू गुइनेअ में आयोजित एशिया पैसिफिक इकनोमिक कोऑपरेशन में भी शामिल होंगे।
व्हाइट हाउस ने बताया कि माइक पेन्स जापान के प्रधानमंत्री शिंजो आबे, सिंगापुर के प्रमुख और सभी राष्ट्रों के प्रमुखों के साथ द्विपक्षीय वार्ता करेंगे साथ ही अन्य प्रतिनिधियों के साथ भी द्विपक्षीय वार्ता में हिस्सा लेंगे। उन्होंने कहा कि राष्ट्रपति के जगह उप राष्ट्रपति आगामी सप्ताह आयोजित यूएस-आसियन सम्मेलन और अपेक में अमेरिका का प्रतिनिधिव करने के लिए उत्सुक है। इस सम्मलेन के दौरान वह क्षेत्र में अमेरिकी नेतृत्व को दर्शाएंगे और इंडो-पैसिफिक इलाके में स्वतंत्रता, आर्थिक वृद्धि, समृद्धि और सुरक्षा की अमेरिकी प्रतिबद्धता के बाबत बतायेंगे।
उपराष्ट्रपति की सचिव ने बताया कि माइक पेन्स की एशिया में यह तीसरी यात्रा है। वह इस सम्मेलन में राष्ट्रपति की, कोरियाई पेनिन्सुला में पूर्ण परमाणु निरस्त्रीकरण की प्रतिबद्धता को दोहराएंगे। साथ ही वह इंडो-पैसिफिक इलाके में आक्रामक, निरंकुश और दूसरे देशो की संप्रभुता से खिलवाड़ करने वाले राष्ट्रों को अमरीका के बर्दास्त करने का इम्तिहान न लेने की सलाह देंगे।