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    ईरानी राष्ट्रपति हसन रूहानी

    ट्रम्प प्रशासन के मुताबिक ईरान पर अब तक के संबसे कड़े प्रतिबन्ध लगाये गए हैं। अमेरिका के प्रतिबंधों का दौर ईरान पर सोमवार से शुरू हो गया था। अमेरिका के मुताबिक इन प्रतिबंधों का मकसद ईरानी सरकार का दिमाग ठिकाने लाना है, न कि ईरानी जनता को हानि पहुँचाना। हालांकि इन प्रतिबंधों की सजा ईरानी जनता भुगत रही है, दिन ब दिन ईरान की अर्थव्यवस्था ठप पड़ती जा रही है।

    ईरान के राष्ट्रपति हसन रूहानी ने कहा कि हम गर्व के साथ प्रतिबंधों का निवाला घटक जायेंगे। उन्होंने कहा मैं ऐलान करता हूं कि हम तुम्हारे गैर कानूनी और अन्यायपूर्ण प्रतिबन्ध झेल लेंगे क्योकि यह अन्तराष्ट्रीय कानून के विपरीत हैं। अमेरिका के यह प्रतिबन्ध ईरान की बैंकिंग और ऊर्जा क्षेत्रों को प्रभावित करेंगे। इन प्रतिबंधों के तहत यूरोप, एशिया और किसी तीसरे देश की कंपनी ईरान के साथ तेल सौदेबाजी नहीं कर सकती है। ईरान के तेल के सबसे बड़े तेल के आयातक  भारत और चीन हैं। अमेरिका ने ईरानी तेल और वित्तीय प्रणाली पर प्रहार किया है।

    हाल ही में अमेरिका ने ईरानी प्रतिबंधों से 8 देशों को रियायत बरती थी। भारत और चीन को उम्मीद है कि उस फेरहिस्त में इन राष्ट्रों का नाम शुमार हो हालांकि इसकी अभी अधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है। ट्रम्प कंपनी ने तुर्की, इराक, दक्षिण कोरिया और जापान को अगले छह माह में ईरान से तेल आयत शून्य हिदायत दी है।

    अमेरिकी राज्य सचिव माइक पोम्पेओ मीडिया के भारत और चीन को रियायत बरतने के सवाल को टालते रहे थे। उन्होंने कहा था कि देखों हम क्या करते हैं, देखिये कि राष्ट्रपति ट्रम्प की नीति कैसे रंग दिखाती है। उन्होंने कहा था कि अमेरिका उपभोक्ताओं को परशानी न झेलनी पड़े इसलिए सब सुनिश्चित कर लिया गया है। उन्होंने कहा कि सोमवार से लागू होने वाले प्रतिबन्ध ईरान की वित्तीय और तेल व्यापार की कमर तोड़कर रख देंगे।

    डोनाल्ड ट्रम्प ने ईरान के साथ साल 2015 में हुई परमाणु संधि को तोड़ दी थी। ईरान पर साल 2015 से पूर्व के प्रतिबंधों को दोबारा लागू करने का ऐलान किया था। इस संधि का विरोध यूरोपीय कंपनियों ने किया था। हाल ही में यूरोपीय संघ ने कहा था कि वह ईरान के साथ व्यापार जारी रखेगा। माइक पोम्पेओ ने कहा कि यूरोपीय कंपनी न तो ईरान के साथ सौदेबाजी करेगी और न अमेरिका के व्यापार जारी रखेगी।

    अमेरिकी सलाहकार ने बताया कि अमेरिका ईरान कोई कोई रियायत बरतने पर विचार नहीं कर रहा है। उन्होंने कहा कि आगामी वर्ष तक हम एक नए तेल बाज़ार का निर्माण कर देंगे।

    By कविता

    कविता ने राजनीति विज्ञान में स्नातक और पत्रकारिता में डिप्लोमा किया है। वर्तमान में कविता द इंडियन वायर के लिए विदेशी मुद्दों से सम्बंधित लेख लिखती हैं।

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