भारत ईरान के साथ चाबहार बंदरगाह के विस्तार के लिए बातचीत कर रहा है। भारत को यकीन है कि प्रतिबंधों का असर इस प्रोजेक्ट पर नहीं पड़ेगा। भारत इस माह इंटरनेशनल नार्थ साउथ ट्रांसपोर्ट कॉरिडोर के प्रोजेक्ट को लागू करने के लिए रूस और ईरान के साथ मंत्रिमंडल स्तर की बातचीत करेगा।
भारतीय अधिकारी ने बताया कि चाबहार बंदरगाह के विस्तार के लिए अमेरिका से बातचीत हो चुकी है, जबकि ईरान और अफगानिस्तान के साथ बातचीत जारी है। भारत और अफगानिस्तान को चाबहार बंदरगाह के इस्तेमाल करने के लिए अमेरिका ने प्रतिबधता नहीं दिखाई है।
अफगानिस्तान की सरजमीं पर व्यापार के लिए चाबहार बंदरगाह एक अलहदा किरदार अदा करेगा। भारत ने पिछले माह अमेरिका के रियायत न बरतने पर चाबहार बंदरगाह पर अपने हितों की रक्षा के संदर्भ में चर्चा भी की थी। अफगानिस्तान इस त्रिस्तरीय परियोजना में तीसरी पार्टी है।
विदेश सचिव विजय गोखले ने बताया कि भारत के चाबहार बंदरगाह के इस्तेमाल के लिए अमेरिका ने अभी कोई जवाब नहीं दिया है। उन्होंने कहा भारत ने बहुत शिद्दत से बंदरगाह का इस्तेमाल करने को लेकर बातचीत की थी लेकिन अमेरिका के प्रतिबंधो के कारण इस पर खतरा मंडरा रहा है। अमेरिका ने भारत सहित सात देशों को ईरान से अगले छह महीने तक तेल खरीदने की छूट दी है।
सूत्रों के मुताबिक सालों से स्थगित आईएनएसटीसी परियोजना को लागू करने करने के लिए नवम्बर के चौथे हफ्ते में रूस में मंत्रीय स्तर की वार्ता के लिए बैठक आयोजित होग। आईएनएसटीसी ट्रांसपोर्ट मार्ग हिन्द महासागर को, ईरान के पर्सियन गल्फ से होते हुए रूस और यूरोप तक जोड़ेगा। ईरान यूरेशिया तक भारत की पहुंच के लिए एक महत्वपूर्ण देश है।
अमेरिका के ईरान पर दूसरे चरण के प्रतिबन्ध आज से लागू हो गए हैं। अमेरिका के मुताबिक यह ईरान पर अब तक के सबसे कठिन प्रतिबन्ध है।