भारत और नेपाल के मध्य संबंधों को सुधारने के लिए एक यात्री ट्रेन की शुरुआत करने का निर्णय लिया गया है। रेलवे के मुताबिक इस वर्ष दिसम्बर में भारत और नेपाल के मध्य यात्री ट्रेन की शुरुआत की जाएगी। यह ट्रेन बिहार के जयनगर से नेपाल के दक्षिणी पूर्वी इलाके कुर्था तक चलेगी। यह रेलवे मार्ग 34 किलोमीटर लम्बा है।
इस यात्रा के लिए नेपाली और बंगलादेशी नागरिकों को वीजा की जरुरत नहीं होगी। सूत्रों के मुताबिक भारत और नेपाल के मध्य यह पहली यात्री रेल है। हालांकि इस मार्ग से यात्री ट्रेन और मालगाड़ी दोनों गुजरेंगी। नेपाल ने भारत से ट्रेन के रैक, कोच और अन्य उपकरण किराए पर लिये हैं।
भारतीय विदेश मंत्रालय ने रेलवे विभाग के साथ कई मंत्री स्तर की बैठके आयोजित की थी। साथ नेपाली सरकार के साथ भी विदेश मंत्रालय ने मीटिंग की थी। भारत के यह कदम, चीन और नेपाल के मध्य ट्रेन नेटवर्क के निर्माण के प्रतिकार के रूप में देखा जा रहा है। बीजिंग ने काठमांडू तक रेल नेटवर्क के विस्तार का निर्णय लिया था।
भारत और नेपाल ने चार क्रॉस बॉर्डर रेलवे लिंक की योजना तैयार की है। जयनगर-कुर्था के मध्य रेलवे लाइन का निर्माण ब्रिटिश हुकूमत के समय हुआ था। अंग्रेज उत्पादों को भारत ट्रांसपोर्ट करने के लिए इस रूट का इस्तेमाल करते थे। उस समय बिहार के जयनगर और नेपाल के जनकपुर के बीच 52 किलोमीटर की दूरी थी। 15 वर्ष पूर्व आई बाढ़ में बिघि ब्रिज ढह गया था।
5.5 बिलियन डॉलर के इस प्रोजेक्ट को तीन चरणों में विभाजित किया गया है। पहले चरण में जयनगर से कुर्था के बीच 34 किलोमीटर का खंड का निर्माण किया जायेगा।
दूसरे चरण में कुर्था से बंघाहा के मध्य 18 किलोमीटर, और तीसरे चरण में बंघाहा से बर्दिबास के बीच 17 किलोमीटर के खंड का निर्माण किया जायेगा। इस समूचे मार्ग में भारत में सिर्फ तीन किलोमीटर का ही रेलवे मार्ग है।