पाकिस्तान में ईशनिंदा यानी ईश्वर के खिलाफ अपमानजनक शब्दों का प्रयोग करना के केस में आरोपों से मुक्त हुई आसिया बीबी इस्मलाबाद छोड़कर चली गयी है।
47 वर्षीय आसिया बीबी एक ईसाई महिला है और हाल ही में शीर्ष अदालत ने आसिया बीबी को ईशनिंदा मामले में बरी कर दिया था।
आसिया बीबी को पाकिस्तान में अपनी हत्या का अंदेशा था क्योंकि उनके हक़ में सुनाये गए फैसले के खिलाफ सड़कों पर लोगों ने जमकर प्रदर्शन किया था।
ईसाई महिला पर साल 2010 में उसके पड़ोसियों द्वारा इस्लाम का अपमान करने का आरोप लगाया था। हालांकि महिना खुद को बेक़सूर बताती रही है।
बुधवार को शीर्ष अदालत के निर्णय के बाद समस्त देश में विरोध प्रदर्शन हुए थे। पाकिस्तान के इस्लामिक दल तहरीक-ए-लाबैक पाकिस्तान ने सड़कों पर प्रदर्शन और तोड़फोड़ की थी। साथ ही अन्य कई प्रदर्शनकारियों समूह ने देश के बड़े हाईवे और सड़कों पर जाम लगा दिया था।
ख़बरों के मुताबिक आसिया बीबी का पति ब्रिटेन से परिवार सहित पाकिस्तान आकर सभी के साथ विदेश चला गया है। आसिया बीबी मौत से डर के कारण देश छोड़कर चली गयी है। हालांकि इस बात की पुष्टि नहीं हुई है कि वह किस देश में गयी है। कनाडा ने आसिया बीबी को वहां रहने का ऑफर दिया था।
सुरक्षा कारणों से आसिया बीबी की जेल से रिहाई के समय को नहीं बताया गया था। ईसाई महिला को लाहौर के नजदीक सिखुपुरा जेल में रखा गया था। पाकिस्तान में ईशनिंदा कानून बहुत सख्त है।
पाकिस्तान में ईशनिंदा कानून को पूर्व सैन्य तानाशाह जिया उल हक ने साल 1980 में लागू किया था। इस कानून के तहत अपराधी को मौत की सज़ा सुनाई जाती है। आसिया बीबी को साल 2014 में इस कानून के तहत मौत की सज़ा सुनाई गयी थी।