गुजरात में सरदार वल्लभभाई पटेल की 3,000 करोड़ रुपये की मूर्ति के उद्घाटन के कुछ ही समय बाद, बसपा अध्यक्ष मायावती ने उन लोगों से माफ़ी मांगने की मांग की है जिन्होंने उत्तर प्रदेश में दलित नेताओं की मूर्तियों को बनाने पर BSP और मायावती की आलोचना की थी।
मायावती ने कहा कि भाजपा और RSS के लोगों को बहुजन समाज से माफ़ी मांगनी चाहिए। उन्होंने कहा कि जब वो बाबा साहेब की मूर्तियां और पार्क बनवा रही थीं तो भाजपा और RSS के लोगों ने आलोचना कर के बहुजन समाज का दिल दुखाया था।
मायावती ने भाजपा पर निशाना साधते हुए कहा कि ‘देश के लोग यह देख आश्चर्य कर रहे हैं कि क्या यह सब राजनीति नहीं है, और यदि बीजेपी को वास्तव में पटेल के लिए यह प्यार था तो उन्होंने गुजरात में इतनी बड़ी मूर्ति क्यों नहीं रखी थी, जहां वे लंबे समय तक सत्ता में हैं।’
बहुजन समाज पार्टी की अध्यक्षा ने 143 वीं जयंती पर वल्लभभाई पटेल को श्रद्धांजलि देते हुए ये बातें कही। उन्होंने कहा कि बाबा साहेब की तरह सरदार पटेल भी राष्ट्रवादी थे और उनका बहुत सम्मान था।
मायावती ने देश के पहले गृह मंत्री की मूर्ति के अंग्रेजी नामकरण पर भी सवाल उठाये। उन्होंने कहा कि सरदार पटेल भारतीय सभ्यता और संस्कृति के वाहक थे उनकी मूर्ति का नाम अंग्रेजी में रखना एक राजनीति है।
182 मीटर ‘स्टैचू ऑफ यूनिटी’ की ऊंचाई, अमेरिका में स्टैचू ऑफ लिबर्टी की ऊंचाई से दोगुनी है। 31 अक्टूबर को सरदार पटेल के 143वीं जन्मतिथि पर प्रधानमंत्री मोदी ने 182 मीटर ऊंची स्टैचू ऑफ़ यूनिटी देश को समर्पित किया।
मायावती ने पटेल को एक क्षेत्र गुजरात में सीमित करने के भारतीय जनता पार्टी की आलोचना की और कहा कि यह बीजेपी की “संकीर्ण मानसिकता” का एक उदाहरण है।