भारत में जल्द ही बिटक्वाइन व अन्य सभी तरह की क्रिप्टोकरेंसी पर पूर्ण प्रतिबंध लग सकता है। इसके लिए जल्द ही सरकार की तरफ से कोई फैसला देखने को मिल सकता है।
देश के वित्त मंत्री अरुण जेटली ने 30 अक्टूबर को वित्तीय स्थिरता और विकास परिषद के साथ बैठक की है, माना जा रहा है कि इस बैठक का मुख्य उद्देश्य देश में क्रिप्टोकरेंसी के भविष्य पर फैसला लेना ही था।
इसी के बाबत जानकारी देते हुए सरकार के प्रेस इन्फॉर्मेशन ब्यूरो ने एक प्रेस रिलीज जारी करते हुए बताया है कि “परिषद की बैठक वित्त सचिवों के साथ मिलकर सरकार ने देश में क्रिप्टोकरेंसी के बैन को लेकर चिंतन किया है। इसके तहत सरकार क्रिप्टो करेंसी पर प्रतिबंध लगाने के लिए बकायदा कानून लाने पर विचार हो रहा है।”
इसके लिए क्रिप्टो करेंसी पर नज़र रखने वाली एक एजेंसी क्रिप्टो कानून ने बताया है कि सरकार का यह फैसला आने के बाद देश में क्रिप्टो का उपयोग कर खरीदने व बेंचने के साथ ही उसे रुपये में बदलने पर भी प्रतिबंध लग सकता है।
गौरतलब है कि सरकार ने क्रिप्टो करेंसी पर चिंतन के लिए इस कमेटी का गठन दिसंबर 2017 में ही कर दिया था।
मालूम हो कि आरबीआई ने हाल ही अपनी सभी संबन्धित बैंकों को क्रिप्टो करेंसी से संबन्धित व्यक्ति या संस्था के साथ किसी भी तरह का संपर्क रखना या उन्हे सेवा प्रदान करने के लिए रोक दिया था।
अभी हाल ही में बंगलुरु में बिटक्वाइन से संबन्धित एक एटीएम की स्थापना की गयी थी, जिसके बाद उस कंपनी के संस्थापक को गिरफ्तार कर लिया गया था। इस तरह से अभी तक देश में क्रिप्टो करेंसी का व्यापार करने वाली एजेंसी अब देश के बहत शिफ्ट हो चुकी हैं। इनमें ज़ेब पे मुख्य है।