31 अक्टूबर को महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस अपने कार्यकाल का चौथा साल पूरा कर रहे हैं। इस अवसर पर उन्होंने लाइवमिंट से हुई बातचीत के दौरान शिवसेना और भाजपा के रिश्तों पर खुल कर बात की।
फडणवीस ने कहा कि भाजपा और शिवसेना पैदाइशी हिंदूवादी पार्टी है और दोनों को साथ मिल कर चुनाव लड़ना चाहिए। ये पूछे जाने पर कि शिवसेना तो अलग लड़ने की बात कर रही है। फडणवीस ने कहा कि कांग्रेस और NCP एक साथ चुनाव लड़ेंगे अगर ऐसे हालात में भाजपा-शिवसेना अलग अलग चुनाव लड़ते हैं तो दोनों को ही नुक्सान होगा।
फडणवीस ने कहा कि जब विचारों में भिनत्ता होने के बावजूद मायावती- मुलायम सिंह और नितीश कुमार – लालू यादव साथ आ सकते हैं तो भाजपा और शिवसेना क्यों नहीं। आखिर दोनों की विचारधारा एक है। दोनों ही पैदाइशी हिंदूवादी पार्टी है। राजनितिक हालात ही हमें एक साथ लाते हैं। हर राजनितिक मुश्किल के पीछे उस वक़्त के राजनितिक हालात होते हैं।
ये पूछे जाने पर कि अगर दोनों का गठबंन्धन संभव नहीं हो पाया तो क्या दोनों में से कौन सी पार्टी सबसे बड़ी बनेगी ? इस पर फडणवीस ने कहा कि 2014 में ही भाजपा बड़ी पार्टी बन चुकी है। मेरा कहना ये है कि अगर हम एक साथ लड़ेंगे तो हम आसानी से जीत जाएंगे। अगर किसी कारणवश गठबंधन नहीं हो पाया तो भाजपा अकेले लड़ने को पूरी तरह तैयार है और अकेले लड़ कर भी हम जीतेंगे।
उद्धव ठाकरे के अयोध्या दौरे पर भी फडणवीस ने खुल कर अपने विचार रखे। फडणवीस ने कहा कि अगर शिवसेना अपने हिंदुत्व के एजेंडे पर आगे बढ़ती है तो उसे भाजपा से ही हाथ मिलाना पड़ेगा। कांग्रेस और NCP के साथ उसका मेल नहीं हो सकता।
गौरतलब है कि महाराष्ट्र और केंद्र में साझीदार होने के बावजूद शिवसेना अक्सर मोदी सरकार और फडणवीस सरकार की आलोचना करती रहती है। कुछ महीने पहले ही शिवसेना ने घोषणा किया था कि वो 2019 का लोकसभा चुनाव अकेले लड़ेगी इसके बावजूद भाजपा की तरफ से अक्सर दोनों के साथ चुनाव लड़ने की बातें की जाती है।
अभी पिछले महीने ही अमित शाह उद्धव से मिलने मातोश्री गए थे तब कयास लगाए जा रहे थे कि शायद गठबंधन पर बात बन जाए लेकिन उस मुलाक़ात के बाद भी शिवसेना कभी पाकिस्तान के मुद्दे पर तो कभी पेट्रोल-डीजल की कीमतों के मुद्दे पर सरकार पर हमले करती आई है।