भारत के अधिकतर छात्रों की तमन्ना अमेरिका की टॉप यूनिवर्सिटी में पढ़ने की होती है। हाल ही में जारी रिपोर्ट के मुताबिक अमेरिका में पढ़ने वाले विदेशी छात्रों की सूची में भारत का दूसरा स्थान है।
साल 2017 में अमेरिका के विभिन्न विश्वविद्यालों में दो लाख से अधिक छात्र शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं। इस फेरहिस्त में चीन 4,81,106 छात्रों के साथ प्रथम स्थान पर काबिज है। इस रिपोर्ट को अमेरिका के आप्रवासी स्टूडेंट एंड एक्सचेंज विजिटर इनफार्मेशन सिस्टम और कस्टम एन्फोर्समेंट ने जारी की है।
रिपोर्ट के मुताबिक 1.5 मिलियन से अधिक विदेशी छात्र अमेरिका के विभिन्न विश्वविद्यालों और शिक्षण संस्थानों में पढ़ते हैं। भारत और चीन के मिलाकर अमेरिका में आधे विदेशी छात्र हैं। इसके आलावा तीन अन्य एशियाई देश साउथ कोरिया, सऊदी अरब और जापान इस सूची में हैं। प्रमुख 10 देशों में कनाडा, वियतनाम, ब्राज़ील, ताइवान और मेक्सिको है।
भारत के छात्र एसटीईएम (साइंस, टेक्नोलॉजी, इंजीनीयरिंग और मैथमेटिक्स) ओपीटी (ऑप्शनल ट्रेनिंग प्रोग्राम) विभाग में सबसे ऊँचे पायदान पर है। एसटीईएम की डिग्री हासिल करने के बाद छात्र ओपीटी का कोर्स करते हैं।
साल 2017 में अमेरिका में एसटीईएम ओपीटी के लिए 89839 छात्रों ने अप्लाई किया था। इसमें से 50507 छात्र भारतीय थे। इसके बाद चीन, दक्षिण कोरिया, ताइवान और ईरान थे।
इस रिपोर्ट के अनुसार स्कूली शिक्षा के लिए भारतीय बच्चे अमेरिका को प्राथमिकता नहीं देते हैं। अमेरिका में भारतीयों की तादाद निरंतर बढती जा रही है। हालांकि डोनाल्ड ट्रम्प में वीजा नीति को कठोर बना दिया है।