CBI में मचे घमासान के बाद केंद्र सरकार ने आलोक वर्मा और राकेश अस्थाना को छुट्टी पर भेज दिया था लेकिन दिल्ली है कोर्ट के आदेश के बाद आलोक वर्मा और राकेश अस्थाना ने आज अपनी अपनी जिम्मेदारियों को वापस संभाल लिया।
सूत्रों के अनुसार आलोक वर्मा के नेतृत्व में CBI स्पेशल डायरेक्टर राकेश अस्थाना को गिरफ्तार करने की पूरी योजना बना चुकी थी लेकिन दिल्ली है कोर्ट ने उनके खिलाफ कोई भी एक्शन लेने पर रोक लगा दिया।
सिर्फ अस्थाना ही नहीं बल्कि उनके नेतृत्व में मीट कारोबारी मोईन कुरैशी केस पर काम कर रहे दो और CBI ऑफिसर ए.साई. मनोहर जो जॉइंट डायरेक्टर हैं और सुपरिटेंडेंट ऑफ़ पुलिस जगरूप गुसिंहा को भी गिरफ्तार करने की तैयारी हो चुकी थी।
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार इन तीनो को अपनी गिरफ्तारी की भनक तभी लग चुकी थी जब कुरैशी के खिलाफ हवाला की जांच कर रहे पुलिस अधिकारी देवेंद्र कुमार को गिरफ्तार किया गया।
CBI के अन्य अधिकारियों ने इस पर कमेंट करने से इंकार कर दिया जबकि अस्थाना और वर्मा से संपर्क करने की कोशिश की गई तो दोनों का फोन बंद आ रहा था।
गौरतलब है कि CBI ने 15 अक्टूबर को अस्थाना और उनके दो सहयोगियों पर हैदराबाद के कारोबारी सना सतीश बाबू का केस बंद बंद करने के लिए 5 करोड़ रुपये के रिश्वत लेने के आरोप में केस दर्ज किया था।
अस्थाना ने कैबिनेट सेक्रेटरी से वर्मा के खिलाफ शिकायत की थी कि वर्मा उन्हें सना सतीश बाबू से पूछताछ करने से रोक रहे हैं। अस्थाना पर केस दर्ज करने के बाद एजेंसी ने देवेंद्र कुमार की गिरफ्तारी से पहले उसके घर और ऑफिस की तलाशी भी ली थी।
मंगलवार को जब अस्थाना ने दिल्ली है कोर्ट का रुख किया तो एजेंसी ने अस्थाना के घर और ऑफिस पर छापा मारने और गिरफ्तार करने की पूरी तैयारी कर ली थी।