Fri. Nov 22nd, 2024
    ममता बनर्जी

    पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ने केंद्र के सामने पश्चिम बंगाल का नाम बदल कर बांग्ला रखने की माँग की थी, जिसे गृह मंत्रालय ने यह कह कर सिरे से ही खारिज कर दिया है कि अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर राज्य का यह नया नाम पड़ोसी देश बांग्लादेश के साथ भ्रम पैदा कर सकता है।

    गृह मंत्रालय ने यह मुद्दा विदेश मंत्रालय के सामने भी रखा था, जिसके बाद दोनों मंत्रालयों ने आपसी सहमति के बाद मानता बनर्जी के प्रस्ताव को ठुकरा दिया है।

    सूत्रों की माने तो भारत और बांग्लादेश के आपस में बेहद मजबूत रिश्ते हैं, ऐसे में इस का कोई भी कदम काफी विश्लेषण के बाद ही लिया जा सकता है।

    देश में किसी भी राज्य के नाम में बदलाव करने के लिए संविधान में भी संशोधन करना होता है।

    ऐसा माना जा रहा है कि ममता बनर्जी का यह कदम राज्य को अक्षरवार सूची में ऊपर (B) लाने के लिहाज से भी महत्वपूर्ण था, अभी तक राज्य इस लिस्ट में आखरी नंबर (W) पर आता है।

    इसके पहले भी वर्ष 2016 में केंद्र ने राज्य का इसी तरह का एक प्रस्ताव ठुकरा दिया था। उस प्रस्ताव में कहा गया था कि पश्चिम बंगाल को बांग्ला भाषा में ‘बांग्ला’, अँग्रेजी भाषा में ‘बेंगाल’ व हिन्दी भाषा में ‘बंगाल’ कहा जाये। वहीं 2011 में भी बनर्जी सरकार पश्चिम बंगाल न नाम बदल कर ‘पश्चिम बंगों’ रखना चाहती थी, तब भी तत्कालीन यूपीए सरकार ने उनकी इस माँग को खारिज कर दिया था।

    Leave a Reply

    Your email address will not be published. Required fields are marked *