केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने बयान देते हुए कहा है कि “बार्डर की सुरक्षा में तकनीकी समाधान के बाद हमारे जवानों को चौबीसों घंटे बार्डर की सुरक्षा के लिए वहाँ खड़ा नहीं रहना होगा।” राजनाथ सिंह ने यह बात शुक्रवार को कहीं।
इसी के साथ उन्होने बताया है कि व्यापक एकीकृत सीमा प्रबंधन प्रणाली को इसके पहले पायलट प्रोजेक्ट के तहत जम्मू के बार्डर पर टेस्ट किया गया था।
इसी के साथ राजनाथ सिंह ने बताया है कि जहाँ भी बार्डर पर फेंसिंग की सुविधा है वहाँ इस तरह की तकनीक का उपयोग बेहद जरूरी है। वर्तमान में जो फेंसिंग बार्डर पर की गयी है वह एक समय के बाद खराब हो जाती है। जिसके चलते उसकी मरमत या उसे बदलने में भी काफी खर्चा उठाना पड़ता है।
गृहमंत्री ने बताया है कि सरकार इस सुविधा को पूरे बार्डर पर लागू करने का विचार कर रही है। हालाँकि इसमें कुछ समय लग सकता है लेकिन इसके बाद हमारे जवानों को बार्डर पर 24 घंटे नहीं खड़ा रहना होगा।
इसके तहत अलग से कमांड और कंट्रोल की स्थापना की जाएगी, जहाँ से सैनिक बार्डर पर नज़र रख सकेंगे। इस तरह यदि कोई भी व्यक्ति बार्डर पार करने की कोशिश करता है तो यह सिस्टम उसकी सूचना तुरंत ही कंट्रोल रूप को दे देगा।
गृह मंत्री राजनाथ सिंह शुक्रवार को बीएसएफ़ के जवानों के साथ दशहरा मना रहे थे। उस दौरान बीएसएफ़ के आला अधिकारी भी वहाँ मौजूद थे। मालूम हो कि भार -पाकिस्तान की सीमा में भारत की ओर से सबसे बड़े हिस्से की सुरक्षा की ज़िम्मेदारी बीएसएफ़ के ही ऊपर है।