भारत ने इस साल के मध्य तक ही करीब 4.9 गीगावाट की सोलर एनर्जी को स्थापित कर लिया है। इसी के साथ ही भारत विश्व में सौर ऊर्जा के क्षेत्र में दूसरा सबसे बड़ा बाज़ार बनकर सामने आया है। पहले नंबर पर चीन क़ाबिज़ है।
इसके पहले सोलर स्थापन के मामले में भारत विश्व का पांचवा सबसे बड़ा बाज़ार था।
सोलर पैनल स्थापित करने के मामले में अडानी देश में सबसे बड़े प्रोजेक्ट डेवलपर के रूप में सामने आए हैं। इसी के साथ देश में वर्तमान में 70 से अधिक बड़ी स्केल के प्रोजेक्ट डेवलपर काम कर रहे हैं। ये सभी डेवलपर 5 मेगावाट के बड़े संयंत्र स्थापित कर रहे हैं।
इस दौरान कुल स्थापित सोलर पैनल में से करीब 16 प्रतिशत सोलर पैनल विभिन्न भवनों की छतों पर स्थापित किए गए हैं। इन सभी से अनुमानित 805 मेगावाट बिजली का कुल उत्पादन होगा।
इस सेक्टर में टाटा पावर सोलर ने अपना कब्जा कायम करके रखा है। सोलर पैनल को छत पर स्थापित करने के मामले में टाटा पावर का कुल हिस्सा 73 प्रतिशत का है। जबकि अन्य सभी बड़े डेवेलपर बाकी के 27 प्रतिशत में हिस्सेदार हैं।
स्टरलिंग एंड विल्सन समेत तमाम बड़ी कंपनियां भारत के सौर बाजार को प्राथमिकता दे रहीं हैं।
भविष्य की योजनाओं का आंकलन करते हुए सौर ऊर्जा के क्षेत्र को सबसे बड़े मौके के रूप में देखा जा रहा है। माना जा रहा है की भारत सौर ऊर्जा के बल पर देश के ऊपर पड़ने वाले बिजली की खपत के कुल भार में कमी लाएगा।