Tue. Nov 26th, 2024
    अर्थव्यवस्था प्रधानमंत्री मोदी

    देश के प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी तेल की बढ़ती कीमतों व देश में तेल व्यापार संबन्धित निवेश को लेकर सोमवार को विभिन्न वैश्विक स्तर की कंपनियों के सीईओ के साथ मिलकर विचार करेंगे। इन लोगों में सऊदी अरेमको, एक्सन मोबिल, शेल, भारत पेट्रोलियम व टोटल समेत कई वैश्विक कंपनियों के सीईओ शामिल है।

    प्रधानमंत्री द्वारा उनके कार्यकाल में तेल कंपनियों के साथ बैठक का कुल तीसरा सत्र है। इस बैठक में वैश्विक स्तर की कुल 38 कंपनियों के सीईओ सम्मिलित हो रहे हैं। जिसमें सऊदी अरब के तेल मंत्री खालिद अल फालिह और रिलायंस इंडस्ट्री के चेयरमैन मुकेश अंबानी भी शामिल हैं।

    अंतर्राष्ट्रीय बाज़ार में तेल के बढ़त दामों और रुपये की गिरती कीमत का असर अब देश की अर्थव्यवस्था पर भी पड़ने लगा है, ऐसे में भारत तेल के आयात को घटाने के साथ ही देश में अधिकाधिक तेल उत्पादन पर ज़ोर दे रहा है, इस बैठक का मूल उद्देश्य भी यही है।

    इस बैठक के तहत वर्तमान स्थिति से निपटने के लिए सरकार इन लोगों से मिलने वाले सुझावों पर भी गौर करेगी। इसी के तहत सरकार अपनी नीतियों व फैसलों पर भी फेरबदल कर सकती है।

    भारत के घरेलू तेल उत्पादन में करीब 3.3 प्रतिशत की कमी दर्ज़ हुई है। इसी के साथ ही पिछले 6 सालों में भारत का तेल आयात 75.6 प्रतिशत से बढ़कर 83.2 प्रतिशत तक पहुँच गया है।

    सरकार का इरादा अब वर्ष 2022 तक तेल आयात में 10 फीसदी की कमी लाना है, जिसके तहत वर्ष 2022 तक देश में कच्चे तेल का आयात घटाकर 68 प्रतिशत तक करने की योजना है।

    इसी के तहत आगे बढ्ने के लिए सरकार तेल के क्षेत्र में देश में निवेश करने के लिए नयी और लचीली नीति बनाए जाने पर विचार कर रही है।

    Leave a Reply

    Your email address will not be published. Required fields are marked *