अमेरिका के ईरान पर लगाए प्रतिबंधों को भारत ने नज़रअंदाज़ कर तेहरान से तेल खरीदना चालू रखने का बयान दिया था। अमेरिका का वरिष्ठ राजदूत ईरान पर अगले चरण के प्रतिबन्ध के सिलसिले में वार्ता के लिए इस हफ्ते नई दिल्ली आएगा।
डोनाल्ड ट्रम्प ने अन्य राष्ट्रों को 4 नवंबर तक ईरान से तेल का सौदा शून्य करने की चेतावनी दी थी। भारत के बाद अमेरकी राजदूत यूरोप में भी ईरान पर अमल अमेरकी विदेश नीति पर भी वार्ता करेंगे।
एक सप्ताह की यात्रा पर अमेरिकी राजदूत भारतीय सहयोगियों और साझेदारों से ईरान के मध्य पूर्व और पड़ोसी मुल्कों में हिंसक व्यवहार के विषय पर बातचीत करेंगे।
भारत में राजदूत ब्रायन हुक और उनके सहयोगी अपने समकक्षों से मुलाकात कर सलाह मशविरा करेंगे। वहीँ लक्सेम्बर्ग में अमेरिकी प्रतिनिधि यूरोपीय संघ की बैठक में शरीक होंगे।
अमेरिकी प्रवक्ता ने कहा कि भारत के 4 नवंबर के बाद भी तेल खरीदने के बाबत अमेरिकी राजदूत ने कहा कि यह सही नहीं होगा। ईरान पर 4 नवंबर से प्रतिबन्ध लागू हो जायेंगे और जो देश तेल खरीदने वाले सहयोगी देशों से बातचीत जारी है। अमेरिका ने तेल खरीदने वाले देशों को अपनी नीतियों से अवगत करा दिया है। तेल ने के मसले और प्रतिबंधों के विषय में अन्य राष्ट्रों से वार्ता जारी है।
अमेरिकी प्रवक्ता ने कहा ईरान के नुकसानदेय प्रभाव को हटाने के लिए समस्त विश्व को एक साथ आना जरुरी है। उन्होंने कहा ईरानी सरकार जेकपोआ के तहत फायदा उठती है।
जेकपोआ के तहत मिलने वाली धनराशि न उनकी जनता को मिलती है और न ही नागरिकों की सुविधाओं के लिए खर्च की जाती है बल्कि इससे ईरान अपने नापाक मंसूबों को अंजाम देता है।
हाल ही में डोनाल्ड ट्रम्प ने आश्वासन दिया था कि ईरान से तेल सौदा शून्य करने वाले राष्ट्रों का अमेरिका ख्याल रखेगा। राष्ट्रपति ने कहा था कि भारत की आर्थिक सेहत को अमेरिका बिगड़ने नहीं देगा।