चीन ने पाकिस्तानी सरकार के सऊदी अरब को चीन-पाक आर्थिक गलियारे में तीसरा रणनीतिक साझेदार बनाने वाले बयान पर सकारात्मक रुख दिखाया है। चीन ने बयान दिया कि अगर कोई अन्य राष्ट्र क्षेत्र में समृद्धता और कनेक्टिविटी को बढ़ावा देने में योगदान देता है तो वह एक सकारात्मक कदम होगा।
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने सऊदी अरब के दौरे के दौरान कहा था कि सीपीईसी में रियाद चीन और पाकिस्तान के आलावा तीसरा रणनीतिक साझेदार और निवेशक होगा। हालांकि बाद में पाकिस्तानी सरकार ने यू टर्न ले लिया और कहा कि सीपीईसी एक द्विपक्षीय परियोजना है।
सीपीईसी चीन की महत्वकांक्षी परियोजना बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव के अंतरगर्त आती है। चीन की इस महत्वकांक्षी परियोजना की लागत 50 बिलियन डॉलर है। इस परियोजना का मकसद राष्ट्रपति शी जिनपिंग की विस्तारवादी रणनीति को अमलीजामा पहनाना है।
चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा ही बीआरआई के अंतर्गत सीपीईसी एक महत्वपूर्ण परियोजना है। इसमें सहयोग के द्वार सदैव खुले हैं। यदि कोई राष्ट्र क्षेत्रीय समृद्धता और संजयोकता में योगदान करने के लिए इच्छुक है तो यह एक सकारात्मक कदम है।
सऊदी अरब का सीपीईसी में सऊदी अरब के निवेश से दुशमन देश ईरान के मन में हलचल उत्पन्न होगी। चीन के अखबार ने एक खबर में लिखा कि पाकिस्तान सीपीईसी में सऊदी अरब को हिस्सेदार बनाकर बीजिंग की चुनौतियों को बढ़ा रहा है। ऐसा लग रहा है कि इस परियोजना का निर्माण दूसरे राष्ट्रों को प्रभाव में लेने के लिए किया जा रहा है।
रविवार को पाकिस्तानी प्रधानमंत्री ने सीपीईसी परियोजना में धांधली और अपारदर्शिता के लिए पूर्व प्रधानमंत्री नवाज़ शरीफ की जमकर आलोचना की। उन्होंने बलूचिस्तान प्रान्त के नागरिकों की समस्याएं भी सुनी साथ ही इस परियोजना पर उनकी शंकाओं का भी निदान करने का आश्वासन दिया। उन्होंने कहा बलूचिस्तान इस परियोजना का महत्वपूर्ण अंग है और बलूचिस्तान को उस बकाया हिस्सा दिया जायेगा।