पाकिस्तानी की शीर्ष अदालत ने कहा कि ईसाई महिला की एक और याचिका पर सुनवाई को तैयार है। इस ईसाई महिला को ईश-नंदा के केस में मृत्यु दंड की सजा सुनाई गई थी। मुख्य न्यायाधीश साकिब निसार ने कहा कि ईसाई महिला की याचिका पर 8 अक्टूबर को सुनवाई की जाएगी।
आशिया बीबी (ईश-ऩिंदा की आरोपी) को अदालत ने साल 2010 में मौत की सज़ा सुनाई थी एक मुस्लिम महिला के साथ विवाद में उसने मुहम्मद नबी के खिलाफ अपमानजनक बाते कही।
यह केस तब मुख्यधारा में आया जब पंजाब सूबे के तत्कालीन मुख्यमंत्री सलमान तासीर ने आशिया बीबी का समर्थन किया। सलमान तासीर को साल 2011 में दिनदहाड़े गोली मार दी गयी।
पाकिस्तान में ईश-निंदा एक संवेदनशील मुद्दा है जिसके आरोपियों को चरमपंथियों द्वारा मौत के घाट उतार दिया जाता है। पाकिस्तान में ईश-निंदा कानून पूर्व तानाशाह जिया- उल- हक़ ने साल 1980 में लागू किया था।
आशिया बीबी की याचिका अगर सुप्रीम कोर्ट खारिज कर देता है तो वह सिर्फ राष्ट्रपति के समक्ष प्राणदान की गुहार लगा सकती है। यदि वह इसमें भी विफल हो जाती है तो आशिया बीबी पाकिस्तान की पहली नागरिक होगी जिन्हे ईश-निंदा के मामले में फांसी दी जाएगी।
ईश-निंदा यानी मुस्लिमों के नबी मुहम्मद (अल्लाह) के खिलाफ आपत्तिजनक लफ्ज़ो का इस्तेमाल करना होता है। लम्बे अंतराल से पश्चिमी देशों में इस कानून को खत्म कर दिया गया है लेकिन सऊदी अरब और पाकिस्तान जैसे इस्लामिक देशों में अब भी यह कानून लागू है।