पाकिस्तान के विपक्षी पार्टी पाकिस्तान मुस्लिम लीग नवाज़ के नेता और पंजाब सूबे के पूर्व मुख्यमंत्री शहबाज़ शरीफ को भ्रष्टाचार विरोधी विभाग ने भ्रष्टाचार के जुर्म में हिरासत में ले लिया है।
शाहबाज़ शरीफ शुक्रवार को नेशनल अकॉउंटबिलिटी ब्यूरो की जांच टीम के समक्ष लाहौर में पेश हुए थे। शहबाज़ शरीफ का खुद को आशिआना हाउसिंग स्कीम और पंजाब की कंपनी साफ़ पानी के घोटलों में बेक़सूर साबित करने में असफल रहने के बाद जांच टीम ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया।
शाहबाज़ शरीफ पर 14 बिलियन आशियाना हाउसिंग प्रोजेक्ट और 4 बिलियन साफ़ पानी कंपनी में घोटाले के आरोप है।
शाहबाज़ शरीफ के पंजाब सूबे के मुख्यमंत्री कार्यकाल के दौरान साफ़ पानी परियोजना कि स्थापना की गयी थी जिसका मकसद प्रान्त में रह रहे गरीबों को साफ़ पानी उपलब्ध करना था।
शाहबाज़ शरीफ के साथ ही उनके दामाद अली इमरान युसूफ भी इस भ्रष्टाचारमें संलिप्त संदिग्ध है। जो जांच से बचने के लिए ब्रिटैन फरार हो गए है। एनएबी ने मंत्रालय को इंटरपोल के द्वारा अली इमरान को पाकिस्तान वापस लाने का ज्ञापन सौंपा है।
शाहबाज़ शरीफ का बेटा भी इस भ्रष्टाचार में शामिल पाया गया है और वह अभी एनएबी के गिरफ्त में है।
शाहबाज़ शरीफ के परिवार ने कहा कि वह एक विपक्षी नेता है उन्हें संसद के अध्यक्ष की अनुमति के बिना गिरफ्तार नहीं किया जा सकता है। पीएमएलएन के नेताओं का कहना है कि यह गिरफ्तारी राजनीति से प्रेरित है। उन्होंने कहा कि पार्टी के अध्यक्ष को हिरासत में लेने की वे आलोचना करते हैं।
बीते जुलाई में अदालत ने नवाज़ शरीफ, उनकी पुत्री मरयम और दामाद मुहम्मद सफ़दर को क्रमशः 11 साल, आठ साल और एक साल की सज़ा सुनाई थी। उन्हें एवेनफील्ड प्रॉपर्टी घोटाले में आरोपी माना गया था। अलबत्ता इस्लामाबाद कोर्ट ने पिछले माह उन्हें जमानत पर रिहा कर दिया।
हाल ही में हुए पनामा पेपर खुलासे में फंसे नवाज़ शरीफ पर काले धन की हेराफेरी के आरोप भी है।