बीते गुरुवार को वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कैबिनेट की बैठक कर ये फैसला लिया गया था कि सरकार पेट्रोल-डीजल के दाम घटाएगी।
इसके लिए सरकार अपनी तरफ से 1.5 रुपये की एक्साइज ड्यूटि को कम करने का फैसला लिया था, इसी के साथ सरकारी तेल कंपनियों को भी आदेश दिया था कि वे भी पेट्रोल डीजल के दामों में प्रति लीटर कि दर से 1 रुपये की कटौती करें।
इसी के साथ सरकार की तरफ से प्रति लीटर पेट्रोल-डीजल पर कुल 2.5 रुपये कम करने का निर्णय लिया गया था। इसके बाद केंद्र सरकार ने सभी राज्य सरकारों को सुझाव दिया था कि वे भी पेट्रोल-डीजल पर वसूले जा रहे वैट में कमी करके 2.5 रुपये प्रति की छूट लोगों को दे, जिससे आम जनता को कुल 5 रुपये प्रति लीटर की राहत मिल सके।
इसी के साथ ही बीजेपी शासित प्रदेशों ने केंद्र सरकार का यह सुझाव फौरन मान लिया है, जिसके बाद बीजेपी शासित राज्यों में पेट्रोल और डीजल की कीमतों में 5 रुपये प्रति लीटर की दर से कमी की गयी है।
लेकिन जिन राज्यों में बीजेपी की सरकार नहीं है, उन राज्यों में इसे लेकर मिली जुली प्रतिक्रिया देखने को मिली है।
जिन राज्यों ने तत्काल प्रभाव से पेट्रोल-डीजल की कीमतों को लेकर केंद्र सरकार के सुझाव को मान लिया है, उनमें गुजरात, महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश, झारखंड, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, असम, त्रिपुरा, हरियाणा, हिमांचल प्रदेश, जम्मू कश्मीर, अरुनञ्चल प्रदेश, गोवा व उत्तराखंड शामिल हैं।
वहीं दूसरी ओर कर्नाटक और केरल ने केंद्र के सुझाव को नकारते हुए कहा है कि उन्होने अभी कुछ दिन पहले ही पेट्रोल-डीजल के प्रति लीटर दामों में 2 रुपये की छूट दी थी, अब फिलहल वो दामों को और नहीं घटाएंगे।
मुंबई में तेल के दामों में सबसे ज्यादा वैट लगा है। वहीं अंडमान-निकोबार द्वीपसमूह ने पेट्रोल-डीजल पर महज 6% का वैट लगाया है, जो देश भर में सबसे कम है।
अभी तक केंद्र पेट्रोल पर 11.77 रुपये प्रति लीटर व डीजल पर 13.47 रुपये प्रति लीटर की दर से एक्साइज़ ड्यूटि वसूल रही थी। जिसमें अब उसने 1.5 रुपये की छूट दी है।