बुधवार को सरकार की कैबिनेट ने रेलवे स्टेशनों के लिए एक नयी पुनर्विकास पॉलिसी को पास किया है, जिसके तहत रेलवे स्टेशनों को 99 साल की लीज पर दिया जाएगा। सरकार ने इस पॉलिसी के लिए अनुमानित खर्च 10 खराब रुपये रखा है।
भारतीय रेलवे स्टेशन विकास निगम (आईआरएसडीसी) को इस काम के लिए नोडल एजेंसी नियुक्त किया गया है।
देश के आईटी मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा है कि “आईआरएसडीसी को स्टेशनों के पुनर्विकास के लिए नोडल एजेंसी बनाया गया है, अब यही एजेंसी आगे की रूपरेखा को अपनी सहूलियत के अनुसार तैयार करेगी।”
इसके पहले सरकार करीब 100 रेलवे स्टेशनों के पुनरुद्धार के लिए 10 खरब रुपये का प्लान पेश कर चुकी है। इस काम के दौरान आईआरएसडीसी को पूरी आर्थिक स्वतन्त्रता होगी, जिसके तहत वो कर्मचारियों, इंजीनियरों व जरूरी यंत्रो की खरीद कर सकेगी।
इस पॉलिसी का मुख्य उद्देश्य अब जर्जर हो चुके रेलवे स्टेशनों को सुधार कर उन्हे विश्व स्तर पर लाना है। इसके लिए रेलवे भी अपनी कमाई का बड़ा हिस्सा देगा।
इसके पहले संप्रग सरकार ने भी ऐसा ही विचार प्रस्तुत किया था, तब तत्कालीन रेल मंत्री ममता बनर्जी ने ए1 व ए श्रेणी के स्टेशनों को बेहतर बनाने की बात की थी।
इस प्लान के तहत अब रेलवे कुल पुनर्विकसित इलाके का 20 फीसदी इलाका आवासीय उपयोग व शेष 80 फीसदी इलाके को व्यावसायिक रूप से उपयोग करने को देगा।