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कुछ दिनों पहले दिए गए अपने बयान से मुखरते हुए पाकिस्तान की ओर से कहा गया हैं, कि सऊदी अरब, चीन पाकिस्तान इकोनोमिक कॉरिडोर का हिस्सा नहीं बन सकता। आपको बता दे, कुछ दिनों पहले पाकिस्तान के ओर से सऊदी अरब को अपना रणनीतिक साझेदार बताते हुए, सऊदी अरब को सीपीईसी में तीसरा हिस्सेदार बताया था।

चीन के महत्वाकांक्षी प्रकल्प वन बेल्ट वन रोड के अंतर्गत चाइना पाकिस्तान इकोनोमिक कॉरिडोर का विकास चीन के ओर से किया जा रहा हैं, जिसकी कुल लागत 50 बिलियन डॉलर्स हैं।

पाकिस्तान सरकार के प्लानिंग एंड डेवलपमेंट मंत्री खुसरो बख्तियार ने मंगलवार को मीडिया को संबोधित करते हुए कहा, “सऊदी अरब द्वारा प्रस्तावित निवेश दोनों देशों बीच हुए समझौते के अंतर्गत होगा। सऊदी अरब, चाइना पाकिस्तान इकोनोमिक कॉरिडोर का सहयोगी देश नहीं बन सकता। और सऊदी अरब इस सीपीईसी से जुड़ना चाहता हैं, यह खबर गलत हैं।”

“चाइना पाकिस्तान इकोनोमिक कॉरिडोर इस देश(पाकिस्तान) में उत्पन्न होनेवाले निवेशकों के लिए उपलब्धियों में दुसरे कई देश निवेस्ज कर सकते हैं। चीन और पाकिस्तान के बीच सीपीईसी के लिए जो करार हुआ हैं, वह द्वीपक्षीय हैं, और इसलिए  करार में किसी तीसरे देश साझेदार के रूप में नहीं जुड़ सकते, लेकिन वे निवेशक के रूप में निवेश कर सकते हैं।”

सऊदी अरब के दौरे से पाकिस्तानी प्रधानमंत्री इमरान खान के लौटने के बाद, पाकिस्तानी सुचना मंत्री फवाद चौधरी ने सऊदी अरब को सीपीईसी का तीसरा देश बताते हुए कहा था की इससे जुडी घोषणा पीएम इमरान खान जल्द ही करेंगे। लेकिन प्लानिंग एंड डेवलपमेंट मंत्री खुसरो बख्तियार ने मीडिया को संबोधित करते हुए यह साफ़ कर दिया की सऊदी अरब सीपीईसी का हिस्सा नहीं बन सकता।

By प्रशांत पंद्री

प्रशांत, पुणे विश्वविद्यालय में बीबीए(कंप्यूटर एप्लीकेशन्स) के तृतीय वर्ष के छात्र हैं। वे अन्तर्राष्ट्रीय राजनीती, रक्षा और प्रोग्रामिंग लैंग्वेजेज में रूचि रखते हैं।

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