संयुक्त राष्ट्र के प्रमुख सचिव एंतानियो गुतरेस यूएन सचिव के पद पर आसीन होने के बाद अपने पहले भारत दौरे पर है। वह ‘वैश्वीक चुनौतियाँ वैश्विक समाधान’ के आयोजन में शरीक हुए थे।
गत मंगलवार को उन्होंने कहा कि म्यांमार में रोहिंग्या मुस्लिम समुदाय पर अत्याचार करने वालों को इसका दायित्व लेना चाहिए।
उन्होंने कहा इस समुदाय पर विपदा के वक्त भारत को मानवता के आधार पर बांग्लादेश की मदद करनी चाहिए। साथ ही म्यांमार को इस समुदाय के साथ सुलह करने के बाबत विचार करना चाहिए। उन्होंने कहा एक समुदाय को हाशिये पर रखना आतंकवाद को न्योता देना है
भारत द्वारा साल 1996 में सुझाए गये अन्तराष्ट्रीय आतंकवाद मसौदे के बाबत यूएन प्रमुख ने कहा कि राष्ट्रों के आतंकवाद की परिभाषा में असहमति के कारण यह प्रस्ताव अभी विचाराधीन है।
म्यांमार सुरक्षा आर्मी ने इस अल्पसंख्यक मुस्लिम समुदाय पर दमनकारी नीति अपनाई थी नतीजतन लाखों रोहिंग्या देश छोड़कर भाग गये थे। इस समुदाय के अधिकतर लोग बांग्लादेश के शरणार्थी शिविरों में रह रहे हैं।
यूएन की रिपोर्ट के मुताबिक म्यांमार से सात लाख रोहिंग्या अल्पसंख्यक देश छोड़कर चले गये थे। भारत में करीब 40 हज़ार रोहिंग्या शरणार्थीयों ने शरण ली है।
यूएन प्रमुख ने समारोह में कहा कि इस समुदाय की समस्याओं का समाधान करना उनका दायित्व है न कि उन्हें अन्य देशों में पनाह दिलाना। उन्होंने बताया लाखों बौद्ध सन्यासी सोशल मीडिया पर इस समुदाय के खिलाफ अपशब्द बोलते हैं। उन्होंने कहा म्यांमार आर्मी का कृत्य वाकई क्रूर था जो लोगों को आगजनी और उनके साथ बालात्कार करने से नहीं कतराएँ।
भारत के मानवीय सहायता के बाबत उन्होंने बताया कि यह समुदाय मानवीय आपदा से जूझ रहा है। म्यांमार सरकार इस समुदाय को वापस लाने के लिए शर्ते रख रही है। इन अमानवीय हालातों में उनका म्यांमार लौटना मुमकिन नहीं है।
यूएन सचव ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र इस मसले पर भारत को पूर्ण समर्थन करेगा। जम्मू-कश्मीर में मानवधिकार की यूएन की रिपोर्ट के बाबत उन्होंने कहा कि वह रिपोर्ट यूएन के सचिव द्वारा जारी नहीं की गयी थी। साथ ही भारत में धार्मिक कट्टरवाद और सांप्रदायिकता के मसले पर उन्होंने कहा कि भारत में इन मुद्दों पर हालात अस्थिर नहीं है।
यूएन सचिव ने कहा कि भारत इन वैश्विक समस्याओं के निपटान में एक अहम भूमिका अदा कर सकता है। उन्होंने कहा भारतीय समुदाय की गरीबी और असमानता प्रमुख आफते हैं।