बांग्लादेश से सटे सीमा पर तैनात बॉर्डर सिक्यूरिटी फ़ोर्स(बीएसएफ) के ओर से भारत में अवैध तरीके से घुसने की कोशिश कर रहे 600 से ज्यादा बांग्लादेशी घुसपैठीयों को बांग्लादेश भेजा जा चूका हैं। भारत की सीमा में घुसने की कोशिश कर रहे बांग्लादेशी नागरिकों में म्यांमार से आए रोहिंग्या शरणार्थीयों के संख्या के बारें में कोई जानकारी नहीं हैं।
केरला के दौरे पर आए केन्द्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने कहा, “हमें प्राप्त रिपोर्ट्स के अनुसार म्यांमार से आए रोहिंग्या मुस्लिम देश के दक्षिणी राज्यों में घुसना चाहते हैं।”
गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने बताया, गृह मंत्रालय के ओर से देश के सभी राज्यों को जारी एडवाइजरी में निर्देश दिए गए हैं, की वे राज्य में रहनेवाले रोहिंग्या मुस्लिमों की पहचान कर, उनसे जुड़े दस्तावेज इकठ्ठा करें और उनका बायोमीट्रिक डाटा रखें जिससे उन्हें म्यांमार भजने में आसानी हों।
राजनाथ सिंह जी के केरला यात्रा से एक दिन पहले रेल सुरक्षा बल(आरपीएफ) ने केरला और तमिलनाडु के विभागीय कमिश्नरों को पत्र लिख कर सुचना दी हैं की, “रोहिंग्या अपने परिवार समेत बड़े गुटों में देश के दक्षिणी राज्यों की ओर सफ़र कर रहे हैं।”
“भारत के उत्तर पूर्वी राज्यों से दक्षिण भारत के ओर जा रहे ट्रेनों में वे(रोहिंग्या) सफ़र कर रहे हैं। केरला और तमिलनाडु के प्रमुख शहरों को जानेवाली सभी 14 ट्रेनों में रोहिंग्या समुदाय के लोगों को पाया गया हैं।”
गृह मंत्रालय के अनुसार, देश में 40,000 रोहिंग्या मुस्लिम अवैध रुप से देश में रह रहे हैं, इस कुल संख्या में से 5,700 जम्मू में रह रहे हैं। कुल 40,000 रोहिंग्या शरणार्थीयों में से सिर्फ 16,000 लोगों ने संयुक्त राष्ट्र द्वारा चलाए जा रहे कार्यक्रम में नाम दर्ज करवाया हैं, जिसके आधार पर उन्हें फिरसे म्यांमार भेजा जा सकें। देश में रह रही कुल रोहिंग्या आबादी में से बड़ा हिस्सा 2012-13 के बीच आया हैं, जब म्यांमार के रखाइन प्रान्त में सेना द्वारा रोहिंग्या मुस्लिमों के विरुद्ध हमले किए जा रहे थे।
एक वरिष्ट बीएसएफ आधिकारी ने कहा, “पिछले कुछ दिनों में देश में अवैध तरीके से रह रहे 87 रोहिंग्या को पकड़ा गया हैं और बांग्लादेश से सटे सीमा से देश में घुसने का प्रयत्न कर रहे 76 रोहिंग्याओं को बांग्लादेश भेजा गया हैं।”
“सितम्बर के अंत तक 638 अवैध रोहिंग्याओं की पहचान कर उन्हें स्थानिक पुलिस को सोंपा गया हैं। 2016 में 1,587 अवैध शरणार्थीयों को पकड़ा गया था और 2017 में यह संख्या घट कर 871 हो चुकी हैं।”
“हमें(बीएसएफ) को आदेश दिए गए हैं की, देश में अवैध तरीके से रहे रहे या घुसने की कोशिश कर रहे, हर किसी को वापिस उनके देश भेजा जाए। रोहिंग्याओं के विषय में अलग से निर्देश नहीं दिए गए हैं। हमारे लिए अगर कोई व्यक्ति देश में अवैध रूप से रह रहा हैं या आने की कोशिश कर रहा हैं, वह फोरेनर एक्ट के तहत सजा के लिए बाध्य हैं।”