बाज़ार में लगातार उतार चढ़ाव के दौर से गुज़र रहे सोने की कीमत ने अब पिछले छः हफ्तों के निचले स्तर को छू लिया है। इससे पहले जनवरी 1997 को सोने के दामों में एक महीने के भीतर इतनी गिरावट देखी गयी थी।
फिलहाल राजधानी दिल्ली में 99.99% शुद्ध सोने के दाम 250 रुपये प्रति 10 ग्राम के हिसाब से बढ़कर 31,300 रुपये तथा 99.5% शुद्ध सोने के दाम 250 रुपये प्रति 10 ग्राम की दर से बढ़कर 31,150 रुपये पहुँच गए हैं। पिछले दो दिनों में सोने के दामों ने 175 रुपये का नुकसान उठाया है।
इसी के साथ ही चाँदी के दामों में भी हलचल देखने को मिली है। चाँदी करीब 450 रुपये फिसलकर 38,000 रुपये प्रति किलोग्राम की दर पर पहुँच गयी है।
विशेषज्ञों का मानना है कि फिलहाल ये समय सोने में निवेश के लिए उतना उचित नहीं है, आने वाले दिनों में सोने के दामों में सुधार देखने को मिल सकता है। सोने के दामों में अस्थिरता डॉलर की तुलना में कमजोर होते रुपये के कारण भी देखने को मिल रही है।
अंतर्राष्ट्रीय बाज़ार में फिलहाल अमेरिकी सोने की कीमत 1,186.20 डॉलर प्रति औंस है।
अमेरिका की फेडरल रिजर्व बैंक ने फिलहाल अपने ब्याज़ की दर को बढ़ा दिया है, जिसके बाद माना ये जा रहा है कि अभी सोने के दामों में और बढ़ोतरी देखने को मिल सकती है। इसी के साथ फ़ेडरल रिज़र्व ने ये भी कहा है कि वह ब्याज़ दरों में एक बढ़ोतरी वर्ष 2019 के अंत तक तथा अगली बढ़ोतरी वर्ष 2020 में कर सकता है।
इसी के साथ ही अमेरिका-चीन ट्रेड वार भी सोने के दामों में चल रही बढ़ोतरी में अपना अहम किरदार निभा रही है। हाल ही में अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने चीन पर ये आरोप लगाया है कि चीन अमेरिका में होने वाले अगले आम चुनाव को प्रभावित कर सकता है।