अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा के मुक़ाबले गिरता रुपया सरकार से लेकर आम जन तक के लिए चिंता का विषय बना हुआ है, इसी के साथ सरकार ने इससे कुछ राहत पाने के लिए आयात होने वाले 19 उत्पादों पर सीमा शुल्क बढ़ा दिया है।
ये सभी उत्पाद आयात किए जाते हैं। इस तरह अब इन पर अधिक आयात शुल्क लगेगा।
सरकार द्वारा बढ़ाए गए कर के अंतर्गत आने वाले उत्पादों में सोने से बना हुआ सामान, विमान ईंधन व जूतों से लेकर प्लास्टिक तक का समान तक है।
इन सभी में करों की दर को 2.5 से 10 फीसद तक बढ़ाया गया है।
इन सभी वस्तुओं का अनुमानित आयात 86,000 करोड़ का है। हालाँकि इसी के साथ अब घरेलू बाज़ारों में इन उत्पादों की कीमतें और बढ़ जाएंगी तथा हवाई यात्रा पर भी इसका सीधा असर पड़ेगा। इसी के साथ अब हवाई यात्रा के महंगे होने के भी आसार हैं।
सरकार ने कच्चे सोने के ऊपर लगे निर्यात शुल्क को 10% ही रहने दिया है। माना ये जा रहा है कि यदि सरकार कच्चे सोने पर आयात शुल्क को और बढ़ा देती है तो इससे कच्चे सोने की तस्करी की घटनाओं में वृद्धि हो सकती है।
इसी से बचते हुए सरकार ने सिर्फ सोने से बने हुए आभूषणों पर ही निर्यात शुल्क की दर को बढ़ाया है।
विमान ईंधन में हुई बढ़ोतरी का बोझ अब विमान यात्रियों की जेब पर पड़ेगा। हालाँकि आप को बताते चलें कि भारत में इस्तेमाल होने वाले कुल विमान ईंधन का महज 4% ही भारत आयात करता है।
इसी के साथ अंतर्राष्ट्रीय बाज़ार में रुपया मजबूत होने का नाम नहीं ले रहा है। रुपये ने इस साल करीब 12% गिरावट का सामना किया है।
रुपया सभी एशियाई देशों कि मुद्राओं की तुलना में सबसे खराब प्रदर्शन करने वाली मुद्रा के रूप में सामने आया है।