हाल हीं में वालमार्ट और फ्लिपकार्ट के बीच हुए सौदे से सामने आने वाली चुनौतियों से निपटने के लिए अमेज़न ने अपनी कमर कसनी चालू कर दी है।
इसी दिशा में आगे बढ़ते हुए अमेज़न ने आदित्य बिरला ग्रुप की रिटेल चेन ‘मोर’ को खरीदने का फैसला किया है।
बताते चलें कि आदित्य बिरला ग्रुप द्वारा अधिग्रहित रिटेल चेन ‘मोर’ को खरीदने से पहले अमेज़न आर. पी. गोयनका ग्रुप की सुपर मार्केट चेन ‘स्पेंसर’ खरीदने वाली थी, लेकिन वो बात आगे नहीं बढ़ पायी।
पिछले वर्ष भी अमेज़न ने ‘शॉपर्श स्टॉप’ कंपनी की 5% हिस्सेदारी करीब 180 करोड़ रुपये में खरीदी थी। ‘शॉपर्श स्टॉप’ भारत के बड़े शहरों के साथ ही टियर 2 व टियर 3 शहरों में अच्छा बिजनेस कर रही है।
अभी तक भारत में फ्लिपकार्ट- वालमार्ट के पास ऑफलाइन रिटेल की सुविधा उपलब्ध नहीं है, हालाँकि फ्लिपकार्ट की सहयोगी कंपनी ‘मिंत्रा’ भारत में ऑफलाइन रिटेल स्टोर खोलने की योजना ज़रूर बना रही है।
यही कारण है कि अमेज़न ‘मोर’ को खरीद कर इस स्पर्धा में आगे निकल जाना चाहती है।
रिटेल सेक्टर में तेजी से आगे बढ़ने की रणनीति पर अमेज़न ने 2016 में ही काम करना शुरू कर दिया था। उस समय अमेज़न ने टाटा कंपनी द्वारा संचालित ‘वेस्टलैंड बुक्स’ को खरीदा था।
उसके बाद अमेज़न ने डाबर इंडिया से भी हाथ मिलाया जिससे उसे डाबर के करीब 18,500 करोड़ रुपये के आयुर्वेदिक प्रोडक्टस को अपनी ई-कॉमर्स चेन से जोड़ने का मौका मिला।
ये बात सामान्य रूप से जाहिर है कि भारत का रिटेल मार्केट बेहद बड़ा है और यही कारण है कि कोई भी कंपनी इस मैदान में कोई कसर नहीं छोडना चाहती है। भारत में ई-कॉमर्स में सफल होने के बाद अमेज़न ऑफलाइन रिटेल में भी अपनी पैठ मजबूत करने की राह पर है।
अमेरिका में भी अमेज़न ने यही राह अपनाई थी, जहाँ उसने ऑफलाइन रिटेल मार्केट को ई- कॉमर्स चेन के साथ जोड़ा था।
ई-कॉमर्स सेक्टर के बेहद तेज़ी से बढ़ने के के बावजूद अभी भी भारत जैसे विकासशील देश में ऑफलाइन रिटेल का वर्चश्व कायम है और इसी वजह से अमेज़न सहित कोई भी ई-कॉमर्स कंपनी इस तथ्य की अनदेखी नहीं करना चाहती है।