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    करतारपुर बॉर्डर भारत पाकिस्तान

    पंजाब सरकार के मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू के पाकिस्तान दौरे से वापसी के बाद करतारपुर सीमा का शोर थमने का नाम नही ले रहा है।

    मंत्री सिद्धू ने दावा किया था कि पाक आर्मी प्रमुख ने उन्हें करतारपुर बॉर्डर दोबारा खोलने का आश्वासन दिया है। उन्होंने कहा था कि पाकिस्तान सिख श्रृद्धालुओं के लिए गुरु नानक की 550 वी सालगिरह पर गुरुद्वारा दरबार साहिब जाने का मार्ग खोल देंगे।

    नवजोत सिंगज सिद्धू इमरान खान के शपथ ग्रहण समारोह में शामिल होने गए थे। पाकिस्तान से लौटने के बाद मंत्री सिद्धू ने मीडिया से कहा था कि पाक आर्मी प्रमुख ने बॉर्डर खोलने की बात कही। उनकी इस बात से मुझे इतनी खुशी हुई कि मैने उन्हें गले लगा लिया। गले मिलते हुए बाजवा ने कहा था कि हम शांति चाहते हैं।

    क्या है करतारपुर बॉर्डर ?

    भारत काफी लंबे अरसे से पाकिस्तान के करतारपुर सीमा खोलने का आग्रह कर रहा है। इस सीमा के जरिये भारतीय श्रृद्धालु पाकिस्तान के नरोवाल जिले में स्थित गुरूद्वारा दरबार साहिब जा सकेंगे।

    गुरुनानक देव ने आपने जीवन के आखिरी दो वर्ष इसी गुरुद्वारे में बिताये थे। ये गलियारा भारतीय श्रद्धालुओं को बिना वीजा और पासपोर्ट के एक दिन में गुरुद्वारे के दर्शन की अनुमति देगा।

    करतारपुर सीमा पर केंद्र का रुख

    हाल ही में नवजोत सिंह सिद्धू ने विदेश मंत्री सुषमा स्वराज से करतार बॉर्डर के विषय मे मुलाकात की।

    इस बैठक के तुरंत बाद हरसिमरत कौर बादल और सुषमा स्वराज ने मंत्री सिद्धू को इस मुद्दे को बिगाड़ने के लिए फटकार लगाई।

    विदेश मंत्री स्वराज ने कहा कि सिद्धू को पड़ोसी मुल्क जाने की इजाज़त देने का उन्होंने गलत फायदा उठाया।वहीं नवजीत सिंह सिद्धू का कहना है कि विदेश मंत्री से उनकी मुलाकात सौहार्दपूर्ण रही। उन्होंने कहा कि 15 मिनट की इस मुलाकात में मैने विदेश मंत्री को चिट्ठी सौंपी।

    जिसमे भारतीय सरकार से अनुरोध किया है कि वह पाकिस्ताान सरकार से बॉर्डर खोलने के विषय मे बातचीत करें।

    रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण ने सिद्धू पर तंज कसते हुए कहा कि सिद्धू के बहुत प्रशंशक है लेकिन उन्हें जनरल बाजवा को गले नही लगाना चाहिए था।

    इस विवाद पर पाकिस्तान का रुख

    पाकिस्तान के विदेश विभाग ने अपना रुख साफ करते हुए कहा कि भारत और पाक के बीच कोई औपचारिक बातचीत नही चल रही है।

    पिछले दिए बयान में विदेश विभाग के सचिव मोहम्मद फैसल ने कहा था कि पाकिस्तान भारत के साथ इस मसले पर वार्ता को तैयार है।

    वह भारत की प्रतिक्रिया का इंतजार कर रहे है। साथ ही उन्होने कहा था कि वह अपनी स्थिति से अंतराष्ट्रीय समुदाय को भी अवगत कराएंगे।

    नवजोत सिद्धू को राष्ट्रद्रोही करार देना

    भाजपा के पंजाब अध्यक्ष शवेत मालिक ने बयान दिया था कि सिद्धू ऐसे वक्त पाकिस्तान गए थे जब पूरा देश अटल बिहारी बाजपेयी को श्रद्धांजलि दी रहा था।

    इतना ही नहीं उन्होंने आर्मी प्रमुख बाजवा को गले भी लगाया। वह राष्ट्रद्रोही है।

    वहीं कांग्रेस ने सिद्धू का बचाव करते हुए कहा कि वह पाकिस्तान एक खिलाड़ी होने के नाते गए थे।

    उनके इस कूटनीतिक रुख से भारत ने कुछ नही गवाया है। सिद्धू ने दरियादिली दिखाते हुए इमरान खान का न्यौता स्वीकार किया था।

    अब यह इमरान खान पर है कि वह भारत के साझेदार बनते हैं या पाकिस्तान आर्मी का खिलौना बनकर खुश है।

    By कविता

    कविता ने राजनीति विज्ञान में स्नातक और पत्रकारिता में डिप्लोमा किया है। वर्तमान में कविता द इंडियन वायर के लिए विदेशी मुद्दों से सम्बंधित लेख लिखती हैं।

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