आधिकारिक सूचना के मुताबिक पाकिस्तान सरकार के नवनिर्वाचित प्रधानमंत्री ने अफगान शरणार्थियों और बंगाली अप्रवासियों को नागरिकता देने का निर्णय किया है।
दशकों से देश में रह अवैध नागरिको में इस फैसले से खुशी की लहर दौड़ी है। पाकिस्तान में दुनिया के सबसे अधिक प्रवासी रह रहे हैं।
वहां लगभग 11 लाख अफगान शरणार्थी पंजीकृत है जिसमे से अधिकतर सोवियत संघ के विघटन (1979) से पाकिस्तान में डेरा डाले हुए हैं।
साल 1971 में बांग्लादेश के पाकिस्तान से अलग होने के वक्त लाखों की संख्या में बांग्लादेशी शरणार्थी पाकिस्तान पहुचे थे।
इमरान खान ने कराची दौरे में कहा कि पाकिस्तान वर्षो से रह रहे शरणार्थियों को राष्ट्रीयता देगा।
सूत्रों के अनुसार पाकिस्तानी पीएम ने कहा कि 40 साल से अधिक समय से पाकिस्तान में रह रहे नागरिकों और उनके बच्चों को पहचान पत्र दिए जाएंगे।
अमेरिका का उदाहरण देते हुए पीएम ने कहा कि जब अमेरिका वहां पैदा हुए बच्चों को नागरिकता देता है तो हम क्यों नही।
बहरहाल पाकिस्तानी अफगान शरणार्थियों को शोषण और जबरन वसूली के आरोपों में संदेह की नज़र से देखते है।
पाकिस्तान के मनमाने तरीके से बलपूर्वक शरणार्थियों को बंदी बनाने की रिपोर्ट पर मानवाधिकार नज़र रखता है।
संयुक्त राष्ट्र ने पाकिस्तान के इस कदम का स्वागत किया है। संयुक्त राष्ट्र के प्रवक्ता ने कहा कि आने वाले सप्ताह में इस मसले पर पाकिस्तान सरकार के साथ काम करेंगे।